संभल जामा मस्जिद विवाद : मौलाना महमूद मदनी का बयान आया सामने, बोले- सांप्रदायिकता से देश की शांति को खतरा

UPT | मौलाना महमूद मदनी

Nov 21, 2024 13:57

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। यहां हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यह स्थल श्री हरि हर मंदिर है, जिसके बाद उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया...

Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। यहां हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यह स्थल श्री हरि हर मंदिर है, जिसके बाद उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने इस मामले में मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है। इसकी रिपोर्ट 29 नवंबर तक मांगी गई है। मंगलवार की शाम को एडवोकेट कमीशन की टीम ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वेक्षण किया।

सांप्रदायिक तत्व देश की शांति के बने दुश्मन
इस विवाद में जमीयत उलेमा ए हिंद की भी एंट्री हो गई है। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि "गड़े मुर्दे उखाड़ने" से देश को गंभीर नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास के झूठ और सच को मिलाकर सांप्रदायिक तत्व देश की शांति और व्यवस्था के दुश्मन बने हुए हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि पुराने विवादों को फिर से उभारने से देश की धर्मनिरपेक्ष बुनियादें कमजोर हो रही हैं। उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भों को फिर से प्रस्तुत करने की कोशिशों को राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक बताया और अयोध्या की बाबरी मस्जिद का उदाहरण देते हुए कहा कि 1991 में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम लागू किया गया था ताकि मस्जिद-मंदिर विवादों का केंद्र बनने से रोका जा सके।




सर्वेक्षण के निर्णय पर उठाए सवाल
सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वारा सर्वेक्षण के निर्णय पर सवाल उठाते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद मामले में इस कानून को जरूरी बताया था, लेकिन वर्तमान में अदालतें इसे नजरअंदाज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हर दिन कहीं न कहीं मस्जिद का विवाद खड़ा किया जा रहा है और फिर 'सच्चाई जानने' के नाम पर अदालतों से सर्वेक्षण की अनुमति ली जाती है। मौलाना मदनी ने अदालत के फैसले का सम्मान करने की बात करते हुए कहा कि अदालतों को निर्णय लेते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि इसके देश और समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से संभल की जामा मस्जिद समिति को कानूनी मदद देने का आश्वासन भी दिया, ताकि इस विवाद का समाधान सुरक्षित और सच्चाई के आधार पर किया जा सके।

Also Read