2014 से बैन है चाइनीज लहसुन : लेकिन फिर भी यूपी के बाजारों में खुलेआम बिक्री, जानिए कैसे करें पहचान

UPT | 2014 से बैन है चाइनीज लहसुन

Sep 27, 2024 17:45

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक अधिवक्ता आधा किलो लहसुन लेकर पहुंच गए। उन्होंने वहाँ कि वह इसे चिनहट बाजार से खरीदकर लाए हैं। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए विभागीय अधिकारियों को तलब किया था।

Short Highlights
  • 2014 से बैन है चाइनीज लहसुन
  • यूपी के बाजारों में खुलेआम बिक्री
  • चाइनीज लहसुन के कई नुकसान
New Delhi : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक अधिवक्ता आधा किलो लहसुन लेकर पहुंच गए। उन्होंने वहाँ कि वह इसे चिनहट बाजार से खरीदकर लाए हैं। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए विभागीय अधिकारियों को तलब किया था। मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होनी है। आप सोच रहे होंगे कि चाइनीज सामानों की बिक्री पर तो कोई रोक-टोक नहीं, लेकिन चाइनीज लहसुन पर इतना हो-हल्ला क्यों? चलिए हम आपको समझा देते हैं।

चाइनीज लहसुन पर क्यों छिड़ा बवाल?
दरअसल चाइनीज लहसुन भारत में 2014 से बैन है। लेकिन कई बार इसे धोखे से चोरी-छिपे या धड़ल्ले से खुलेआम बेचा जाता है। देसी लहसुन के मुकाबले ये काफी सस्ता होता है। दिखने में भी ये देसी लहसुन की तरह ही होता है। सही पहचान न होने के कारण लोग इसे धोखे में खरीद भी लेते हैं। जहां तक चाइनीज लहसुन की बात है, तो वह सिंथेटिक रूप से तैयार किया जाता है। इसमें खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल होता है।

चाइनीज लहसुन के कई नुकसान
दरअसल चीन लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसे आर्टिफिशियल तरीके के उगाया जाता है और इस प्रक्रिया में जमकर केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में इसी वजह से इसकी खेती को प्रतिबंधित किया गया है। चाइनीज लहसुन में मेटाइल ब्रोमाइड नामक जहरीला केमिकल होता है। लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से किडनी और आंखों की रोशनी पर गंभीर असर पड़ता है और शरीर में तमाम तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं। इससे अल्सर, पेट का इंफेक्शन होने का भी खतरा रहता है।



कैसे करें देसी और चाइनीज लहसुन में अंतर?
चाइनीज और देसी लहसुन दोनों देखने में बिल्कुल एक जैसे होते हैं, लेकिन दोनों में ध्यान देने पर अंतर किया जा सकता है। देसी लहसुन चाइनीज के मुकाबले कुछ छोटा होता है। ऐसे में बाजार से वही लहसुन खरीदें, जिसकी गांठ छोटी हो। देसी लहसुन की कली पतली होती है, जबकि चाइनीज की खिली हुई और मोटी होती है। चाइनीज लहसुन केमिकल के कारण एकदम सफेद और चमकदार होता है, जबकि देसी लहसुन हल्का क्रीम या पीलापन लिए हुए होता है।

आसान का मतलब खराब लहसुन
कई बार लहसुन छीलने में लोग परेशान हो जाते हैं। लेकिन यही देसी लहसुन की पहचान है। चाइनीज लहसुन छीलने में काफी आसान होता है, लेकिन देसी लहसुन पतला होने के कारण छिलने में मुश्किल पैदा करता है। इतना ही नहीं, देसी लहसुन की गंध तेज और तीखी होती है, जबकि चाइनीज लहसुन की गंध उतनी तेज नहीं होती है। लहसुन खरीदते समय उसकी गांठ से एक कली को तोड़कर जरूर देखें।

कई जगहों पर बिकता है चाइनीज लहसुन
देश में लहसुन राजस्थान के कोटा, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से आता है। हालांकि हिमाचल प्रदेश से जो लहसुन आता है, वह भी कुछ हद तक चाइनीज लहसुन जैसा लगता है, लेकिन दोनों को ध्यान से देखने पर अंतर पता चल जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में चाइनीज लहसुन की बिक्री होती है। यह काफी सस्ता होता है, यही वजह है कि इसे लोग जमकर खरीदते भी हैं।

कोर्ट ने केंद्र और राज्य से मांगा जवाब
बैन के बाद भी लहसुन बिकने पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। अदालत ने पूछा है कि बैन के बावजूद चाइनीज लहसुन खुलेआम कैसे बेचा जा रहा है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि देश में प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन को रोकने के लिए क्या तंत्र है? इस पर केंद्र और राज्य दोनों से जवाब मांगा गया है। वहीं जब चिनहट में छापा मारा गया, तो मौके से कहीं भी चाइनीज लहसुन बरामद नहीं हुआ। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया की चीनी लहसुन की सूचना देने के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 180 1805533 भी जारी किया है।

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