बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बड़ा बयान : बोले-काशी, मथुरा में मंदिर का कोई प्लान नहीं, इन मुद्दों पर हमारी कभी नहीं हुई चर्चा

UPT | बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बड़ा बयान

May 20, 2024 18:14

शुरू में हम अक्षम होंगे, थोड़ा कम होंगे, आरएसएस की जरूरत थी लेकिन आज हम बढ़ गए हैं। अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है। अपने चुनाव अभियान भाषणों में काशी और मथुरा में मंदिरों के बारे में...

New Delhi : पहले बीजेपी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की जरूरत थी, आज पार्टी अपने आप को चला रही है। ये कहना है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का। एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते समय नड्डा ने कहा कि काशी-मथुरा में मंदिर का फिलहाल कोई कोई प्लान नहीं है। 

दरअसल बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से ये सवाल किया गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय और अब के बीच आरएसएस की स्थिति कैसे बदल गई है? इस सवाल का जवाब देते हुए नड्डा ने कहा, 'शुरू में हम अक्षम होंगे, थोड़ा कम होंगे, आरएसएस की जरूरत थी... आज हम बढ़ गए हैं, सक्षम हैं... तो बीजेपी अपने आप को चलाती है। यही अंतर है।'

आरएसएस वैचारिक, भाजपा राजनीतिक संगठन
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है। नड्डा ने कहा, 'देखिए, पार्टी बड़ी हो गई है और सभी को अपने-अपने कर्तव्य और भूमिकाएं मिल गई हैं। आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं। यह जरूरत का सवाल नहीं है। यह एक वैचारिक मोर्चा है।' नड्डा ने कहा कि हम अपने मामलों को अपने तरीके से प्रबंधित कर रहे हैं और राजनीतिक दलों को यही करना चाहिए। 

मथुरा और काशी में मंदिर पर नहीं होती चर्चा
नड्डा ने इस बात से इनकार किया कि भाजपा की मथुरा और काशी में मंदिर बनाने की कोई योजना है। उन्होंने कहा, 'भाजपा के पास ऐसा कोई विचार, योजना या इच्छा नहीं है। कोई चर्चा भी नहीं होती। हमारा सिस्टम इस तरह से काम करता है कि पार्टी की विचार प्रक्रिया संसदीय बोर्ड में चर्चा से तय होती है, फिर यह राष्ट्रीय परिषद के पास जाती है जो इसका समर्थन करती है।'

भावुक होकर दूसरे मुद्दों पर बात करते हैं कुछ लोग
यह याद दिलाने पर कि योगी आदित्यनाथ और हिमंत बिस्वा सरमा जैसे भाजपा नेताओं ने अपने चुनाव अभियान भाषणों में काशी और मथुरा में मंदिरों के बारे में बात की है, नड्डा ने कहा, 'कोई अस्पष्टता नहीं है। भाजपा ने राम मंदिर की मांग को अपने पालमपुर संकल्प (जून 1989 के) में शामिल किया था। लंबे संघर्ष के बाद मंदिर साकार हुआ। यह हमारे एजेंडे में था। कुछ लोग भावुक हो जाते हैं या उत्तेजित होकर दूसरे मुद्दों पर बात करने लगते हैं। हमारी पार्टी एक बड़ी पार्टी है और हर नेता की बात करने की एक शैली होती है।'

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