Uttar Pradesh News : बालिका योजना में घालमेल, 397 बॉन्ड से गायब, दो का भुगतान पूरा, जानिए क्या है पूरा मामला

UPT | बालिका योजना में घोटाला

Feb 19, 2024 16:01

साल 2005 में सरकार की बालिका श्री योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत निर्धन परिवारों में जन्म लेने वाली बालिकाओं के नाम 800 रुपये की डाक विभाग से एफडी कराई गई थी...

Uttar Pradesh News: बांदा जिले में बाल विकास परियोजना विभाग की बालिका श्री योजना में घालमेल सामने आया है। बालिकाओं के नाम से बने 397 एनएससी बॉन्ड कार्यालय से गायब हो गए। दो का डाक विभाग से भुगतान भी हो गया। मामला प्रकाश में आने पर जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने जांच के आदेश दिए हैं।

800 रुपये की थी एफडी
साल 2005 में सरकार की बालिका श्री योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत निर्धन परिवारों में जन्म लेने वाली बालिकाओं के नाम 800 रुपये की डाक विभाग से एफडी कराई गई थी। योजना के तहत बच्ची के 18 साल पूरे होने पर यह पैसा उसे आगे की शिक्षा जारी रखने के लिए दिया जाना था। जिले की करीब दो हजार से अधिक बच्चियों के नाम एफडी कराई थी। बॉन्ड ब्लाक स्तर सीडीपीओ कार्यालयों में रख दिए गए, ताकि बच्चियों को बालिग होने पर दिया जा सकें।

लेकिन कई ब्लाकों में बाबुओं ने डाक विभाग की मिलीभगत से बॉन्ड का भुगतान करा लिया। बच्चियों के अभिभावकों के मांगने पर उन्हें टालते रहे। छह दिसंबर को पैलानी निवास कामता ने डीएम से शिकायत कर बताया कि बहन सहोद्रा के बालिग होने और शादी तय हो जाने पर बॉन्ड के लिए परियोजना कार्यालय तिंदवारी गया तो पता चला कि बहन व गांव की अन्य बच्चियों के बॉन्ड गायब हैं। उनका डाक विभाग से भुगतान भी करा लिया गया है।

जांच के दिए आदेश
डीएम ने एसडीएम सदर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। समिति में मुख्य कोषाधिकारी विनोद बाबू व जिला कार्यक्रम अधिकारी एनके पांडेय भी रहेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बॉन्ड गायब हैं लेकिन डाक विभाग के सहयोग न करने से भुगतान होना स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। इस पूरे प्रकरण में एक लिपिक विनोद कुमार की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। डीएम से मजिस्ट्रियल जांच की मांग की गई थी। एसडीएम रजत वर्मा ने बताया कि बालिका श्री योजना की जांच शुरू कर दी गई है। डाकघर तिंदवारी शाखा से श्री बालिका योजना से संबंधित अभिलेख मंगाए गए हैं।

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