बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : 26 आरोपियों पर मकोका एक्ट के तहत कार्रवाई, यूपी से ताल्लुक रखने वाले अपराधी भी शामिल

UPT | बाबा सिद्दीकी

Nov 30, 2024 18:08

मुंबई क्राइम ब्रांच ने एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका (MCOCA) की गंभीर धाराएं एफआईआर में जोड़ दी हैं...

New Delhi News : मुंबई क्राइम ब्रांच ने एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका (MCOCA) की गंभीर धाराएं एफआईआर में जोड़ दी हैं। अब तक इस मामले में 26 लोगों को विभिन्न राज्यों से गिरफ्तार किया जा चुका है। इन गिरफ्तारियों में ज्यादातर महाराष्ट्र से हुई हैं, जबकि कुछ आरोपी उत्तर प्रदेश और पंजाब से भी पकड़े गए हैं। हत्या के इस मामले में शामिल चार शूटरों में से दो शूटर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले हैं। इन शूटरों की पहचान धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम के रूप में हुई। दोनों के परिवारों ने खुले तौर पर कहा है कि अगर उनके बेटे अपराधी हैं, तो उन्हें अपराधियों की तरह सजा मिलनी चाहिए।

तीन अन्य को फरार आरोपी बताया
बता दें कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले में तीन अन्य लोगों को फरार आरोपी बताया है जिनमें शुभम लोनकर, निशान अख्तर और अनमोल बिश्नोई का नाम शामिल है। जांच में यह सामने आया कि लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई की हत्या में भूमिका थी और उसके खिलाफ सबूत भी मिले हैं। इसके बाद, मकोका की धाराएं जोड़ते हुए उसे फरार घोषित किया गया। यह आरोप है कि अनमोल ने इस हत्या में सहायक भूमिका निभाई थी और अब पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।



सलमान खान पर गोली चलाने वालों पर भी मकोका एक्ट लागू
जानकारी के अनुसार, एक्टर सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने वाले आरोपियों के खिलाफ भी मकोका (MCOCA) लगाया गया है। यह घटना पिछले कुछ सालों में चर्चा में रही थी, जब सलमान खान के घर के बाहर कुछ अपराधियों ने गोलीबारी की थी। मुंबई पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनकी गतिविधियों को संगठित अपराध से जोड़ा।

क्या है मकोका एक्ट
मकोका (Maharashtra Control of Organized Crime Act) 1999 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू किया गया था। इस कानून का उद्देश्य संगठित अपराध और अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधों को रोकना था। इसे 2002 में दिल्ली में भी लागू कर दिया गया था। मकोका के तहत संगठित अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, जिसमें हत्या, अपहरण, फिरौती, जबरन वसूली, धमकी और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। इस कानून के तहत आरोपियों की पुलिस रिमांड 30 दिन तक हो सकती है, जबकि सामान्य अपराधों में यह अवधि केवल 15 दिन होती है।

ये था मामला
बता दें कि बाबा सिद्दीकी एनसीपी में अजीत पवार गुट के सीनियर लीडर थे। बाबा सिद्दीकी की हत्या 12 अक्टूबर को उस समय हुई जब वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास खड़े थे। अज्ञात हमलावरों ने उन्हें गोली मारी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इस हत्या ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया और पुलिस ने जांच शुरू की, जिसके चलते कई गिरफ्तारियां की गईं।

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