वायनाड में प्रियंका गांधी की आंधी : पहली ही चुनावी पारी में बंपर जीत, भाई राहुल को इस मामले में पीछे छोड़ा

UPT | प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर जीत हासिल की

Nov 23, 2024 19:12

वायनाड लोकसभा से कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने 4 लाख 10 हजार वोटों से जीत हासिल की। उन्हें कुल 6 लाख 22 हजार 338 वोट मिले...

New Delhi News : वायनाड लोकसभा से कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने 4 लाख 10 हजार वोटों से जीत हासिल की। उन्हें कुल 6 लाख 22 हजार 338 वोट मिले। इस सीट पर CPI के सत्यन मोकेरी (2 लाख 11 हजार वोट) दूसरे और भाजपा की नव्या हरिदास (1 लाख 9 हजार वोट) तीसरे नंबर पर रहे।

राहुल गांधी के संसद पहुंचने के बाद खाली हुई थी सीट
वह इस सीट पर अपने भाई राहुल गांधी की जगह चुनावी मैदान में उतरी थीं। वायनाड सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। राहुल गांधी ने 2019 में वायनाड से चुनाव जीतकर अपनी लोकसभा सदस्यता बरकरार रखी थी, जबकि वह अमेठी से हार गए थे। इसके बाद, 2024 के लोकसभा चुनाव में, राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद, उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी और प्रियंका गांधी को यहां चुनाव लड़ने का सुझाव दिया।


भाई राहुल को छोड़ा पीछे
प्रियंका गांधी ने वायनाड उपचुनाव में शानदार जीत हासिल की है और इस जीत के साथ उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी की जीत के अंतर को पीछे छोड़ दिया है। राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में 3,64,422 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं, प्रियंका गांधी ने अपने चुनावी पदार्पण में केरल के वायनाड में 4 लाख 10 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की है, जिससे उनकी सफलता और भी महत्वपूर्ण बन गई है। जिसके बाद प्रियंका गांधी ने वायनाड की जनता को बधाई दी और इस जीत को उनके समर्थन का प्रतीक बताया।

अखिलेश यादव ने दी बधाई
वहीं प्रियंका गांधी की इस शानदार जीत पर समाजवादी मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें बधाई दी। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा, श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा जी को वायनाड के लोकसभा उपचुनाव में ऐतिहासिक वोटों से जीत पर बधाई और जनपक्ष की सकारात्मक राजनीति के मार्ग को प्रशस्त करने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!


प्रियंका गांधी ने साझा किया संदेश
प्रियंका गांधी ने अपनी जीत के बाद एक्स पर एक संदेश भी साझा किया। उन्होंने कहा, "आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं आपकी बहुत आभारी हूं। मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि समय के साथ, आपको यह महसूस हो कि यह जीत आपकी जीत है और जिस व्यक्ति को आपने अपना प्रतिनिधि चुना है, वह आपकी उम्मीदों और सपनों को समझता है और आपके लिए लड़ता है। मैं संसद में आपकी आवाज बनने के लिए उत्सुक हूं।" 

प्रियंका गांधी की पहली चुनावी पारी
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने करीब तीन दशकों के अनुभव के बाद पहली बार चुनावी राजनीति में कदम रखा है। इससे पहले उनके परिवार के सदस्य, जैसे दादी इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी, दक्षिण भारत से लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। 1977 में इंदिरा गांधी को रायबरेली सीट पर हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने कर्नाटक के चिकमंगलूर से 1978 में उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, 1999 में सोनिया गांधी ने भी दक्षिण भारत की सीटों से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने अमेठी और बेल्लारी से चुनाव लड़ा और बाद में बेल्लारी से इस्तीफा दे दिया।

राहुल ने वायनाड से दिया था इस्तीफा
2019 के चुनाव के बाद राहुल गांधी ने 2024 में दो सीटों से चुनाव लड़ा। इस बार उन्होंने सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा, साथ ही केरल के वायनाड से भी चुनावी मैदान में उतरे। इन दोनों सीटों पर राहुल गांधी की जीत हुई, हालांकि उन्होंने रायबरेली सीट बरकरार रखी और वायनाड से इस्तीफा दे दिया। प्रियंका गांधी भी अपने परिवार की चौथी सदस्य बनीं, जिन्होंने दक्षिण से लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।

दोनों मजबूत उम्मीदवारों को पछाड़ा
प्रियंका गांधी को इस चुनाव में भाकपा के सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से मुकाबला था। सत्यन मोकेरी 1987 से 2001 तक केरल विधानसभा में नादापुरम सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि नव्या हरिदास भाजपा की महिला मोर्चा की राज्य महासचिव रह चुकी हैं और दो बार कोझिकोड नगर निगम की पार्षद भी रही हैं। प्रियंका के लिए यह चुनाव एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जहां उन्हें इन दोनों मजबूत उम्मीदवारों से चुनौती मिली, लेकिन उन्होंने शानदारी प्रदर्शन करते हुए भारी मतों के साथ जीत दर्ज की।

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