यूपी न्यूज : उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति का नया दौर, यूपीसीडा का अनूठा प्रयास

UPT | सीईओ मयूर माहेश्वरी

Mar 23, 2024 22:13

राज्य में औद्योगिक विकास को नई गति देने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। यूपीसीडा ने...

Short Highlights
  • लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाए : सीईओ मयूर माहेश्वरी
  • अनुरक्षण के लिए प्रतिवर्ष रूपए 7.5  करोड़ खर्च कर रही है
UP News : राज्य में औद्योगिक विकास को नई गति देने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। यूपीसीडा ने प्रदेश के सभी 61 औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापक वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) लागू करने का फैसला किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए करीब 43 करोड़ रुपये के बजट के साथ यह योजना शुरू की जा रही है, इसके अतिरिक्त यूपीसीडा अपने औद्योगिक क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट के रखरखाव एवं वार्षिक अनुरक्षण के लिए प्रतिवर्ष रूपए 7.5  करोड़ खर्च कर रही है। इस पहल से औद्योगिक क्षेत्रों में पहले की तुलना में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। यूपीसीडा की इस पहल की उद्यमियों द्वारा भी विभिन्न मंचो पर कई बार प्रशंसा की गयी है। यह कदम यूपीसीडा की प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने और उन्हें बेहतर माहौल देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाए
ये एएमसी अनुबंध सड़कों की मरम्मत, नालियों और चिन्हों का रखरखाव, हरियाली का प्रबंधन और कचरा प्रबंधन जैसी तमाम जरूरी चीजों का ध्यान रखेंगे. इस योजना के जरिए यूपीसीडा पूरे प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों की दशा को सुधारने का लक्ष्य रखता है। काम की गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यूपीसीडा ने सख्त मानदंड और सेवा स्तर समझौते (एसएलए) तय किए हैं। ये प्रावधान यह सुनिश्चित करेंगे कि तयशुदा मानकों का पालन हो और किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस व्यवस्था से उद्यमी भी खुश होंगे।

यूपी औद्योगिक विकास में डिजिटल क्रांति!
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी के नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने एक बड़ी पहल की है। यूपीसीडा ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के साथ मिलकर यूपीसीडा के वन मैप पोर्टल पर आधारित एक जीआईएस आधारित ऑनलाइन निगरानी और बिलिंग प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली समग्र वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) कार्यों और अन्य चल रहे रखरखाव कार्यों के बिल बनाने के लिए काम करेगी। यह पहल पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जिससे काम की प्रगति और गुणवत्ता की वास्तविक समय पर निगरानी सुनिश्चित होगी। इस प्रयास के तहत, यूपीसीडा ने एनआईसी के अधिकारियों के साथ मिलकर 22 मार्च-2024 को एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में समग्र वार्षिक रखरखाव अनुबंध कार्यों के लिए मोबाइल ऐप के इस्तेमाल पर प्रशिक्षण दिया गया।

ऐप का लाइव डेमो भी दिया गया
कार्यशाला के दौरान, यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र और ईपीआईपी कासना में चल रहे रखरखाव कार्यों का निरीक्षण किया और वहां ऐप का लाइव डेमो भी दिया गया। यूपीसीडा अपने आवंटियों  को विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा देने की प्रतिबद्धता के तहत, सीईओ ने औद्योगिक क्षेत्र EPIP ग्रेटर नोएडा में  निर्माणाधीन तीन लेन वाले फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। रुपये 18.40 करोड़ की लागत से बनने वाला ये 391.4 मीटर लंबा फ्लाईओवर UPSIDA के  औद्योगिक क्षेत्र EPIP , साइट 5 कसना एवं फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स को ग्रेटर नोएडा के सावित्री बाई फुले इंटर कॉलेज माध्यम से ग्रेटर नोएडा, नोएडा एवं दिल्ली से जोड़ेगा। परियोजना में आधे से ज्यादा उप-संरचना का काम पूरा हो चुका है और तेजी से चल रहे इस प्रोजेक्ट के अक्टूबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है, जो तय समय से 5 महीने पहले होगा। बनने के बाद ये फ्लाईओवर ना सिर्फ UPSIDA औद्योगिक क्षेत्र -5 और ईपीआईपी में स्थित उद्योगों को फायदा पहुंचाएगा बल्कि आसपास रहने वाले लोगों के लिए भी ट्रैफिक जाम कम करके काफी राहत देगा।

एएमसी कार्यों का निरीक्षण किया गया
आगामी होली के त्योहार के उपलक्ष में, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य  के साथ UPSIDA के  ACEO, इंजीनियरिंग विभाग के PGM, GM, साथ ही पूरे राज्य में फैले विभिन्न UPSIDA औद्योगिक क्षेत्रों के वरिष्ठ प्रबंधकों और प्रबंधकों ने मिलकर चल रहे एएमसी कार्यों का निरीक्षण किया। एवं समग्र वार्षिक रखरखाव अनुबंध कार्यों के लिए मोबाइल ऐप कार्यशाला में भी भाग लिया। इसके अलावा, यूपीसीडा समग्र वार्षिक रखरखाव अनुबंध कार्यों और बिलिंग प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) सहित उन्नत तकनीकी समाधानों को एकीकृत करने जा रहा है। इस एकीकरण का लक्ष्य पूरे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के रखरखाव के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को बढ़ाना है।

क्यूआर कोड को स्कैन करने पर, आवंटियों को  संबंधित ठेकेदार और यूपीसीडा के अधिकारी से सम्बंधित जानकारी प्राप्त हो जाती, जिससे त्वरित समाधान और हितधारकों की संतुष्टि सुनिश्चित होती है। यूपीसीडा द्वारा मुख्यालय स्तर पर क्यूआर कोड के माध्यम से दर्ज शिकायतों पर्यवेक्षण किया जाता है, जिससे पूरे औद्योगिक क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों के कुशल प्रबंधन और अंतर्निहित समस्याओं के समाधान में मदद मिलती है।

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