इलाहाबाद हाईकोर्ट की हैरानी : अधिकारियों के नाम से पहले 'माननीय' शब्द का प्रयोग क्यों?, चीफ सेक्रेटरी से मांगा जवाब

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sep 26, 2024 11:34

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के नाम से 'माननीय' शब्द जोड़ने को लेकर हैरानी जताई है। अदालत ने इस मुद्दे पर यूपी सरकार से स्पष्ट जवाब तलब किया है। जिससे यह...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के नाम से 'माननीय' शब्द जोड़ने को लेकर हैरानी जताई है। अदालत ने इस मुद्दे पर यूपी सरकार से स्पष्ट जवाब तलब किया है। जिससे यह सवाल उठता है कि सरकारी अधिकारी इस सम्मानजनक शब्द के उपयोग के हकदार कैसे हैं। कोर्ट ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से पूछते हुए कहा कि क्या राज्य के सरकारी अधिकारी वास्तव में 'माननीय' कहलाने के योग्य हैं। अदालत ने यह भी जानना चाहा कि इस प्रोटोकॉल का आधार क्या है। जिसके तहत अधिकारी अपने नाम के साथ 'माननीय' शब्द जोड़ रहे हैं। इस बारे में कोर्ट ने प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में एक हलफनामा दाखिल करें।


अधिकारियों के नाम के साथ 'माननीय' शब्द के उपयोग पर सवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच जेजे मुनीर ने इटावा जिले के कृष्ण गोपाल राठौर की याचिका पर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस मामले में इटावा के जिलाधिकारी (डीएम) ने कानपुर के कमिश्नर को लिखे पत्र में उनके पद नाम के साथ 'माननीय' शब्द का इस्तेमाल किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में यह बताया कि यह प्रथा अब आम होती जा रही है। जहां विभिन्न रैंक के सरकारी अधिकारियों के नाम या पदनाम के साथ 'माननीय' शब्द का उपयोग किया जा रहा है।

इस विषय पर गंभीरता से करें विचार
अदालत ने इसे एक हैरान करने वाला मामला बताते हुए कहा कि इस प्रकार के संबोधन सरकारी पत्राचार में उचित नहीं है और यह दर्शाता है कि अधिकारी अपनी स्थिति का अनुचित लाभ उठा रहे हैं। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है और यह सवाल उठाया कि क्या सरकारी अधिकारी वास्तव में इस शब्द के उपयोग के हकदार हैं। इस बारे में कोर्ट ने यूपी सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या किसी निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत अधिकारी अपने नाम के साथ 'माननीय' शब्द का प्रयोग कर सकते हैं।

माननीय शब्द के उपयोग पर हाईकोर्ट का निर्देश
हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि "माननीय" शब्द का उपयोग केवल राज्य के मंत्रियों और अन्य उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है। यह निर्णय इस संबंध में उठे विवादों को लेकर लिया गया है। जिसमें यह सवाल उठाया गया था कि क्या सरकारी अधिकारी इस शब्द का मनमाने ढंग से उपयोग कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि वह एक हलफनामा पेश करें, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि किस प्रोटोकॉल के तहत सरकारी अधिकारी "माननीय" शब्द का प्रयोग कर रहे हैं। अदालत ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए कि सरकारी नियमों का पालन हो। इसके लिए एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है।

1 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि आदेश की कॉपी 24 घंटों के भीतर लखनऊ और इटावा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के माध्यम से राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव और इटावा के जिलाधिकारी को भेजी जाए। यह कार्यवाही सुनिश्चित करेगी कि सभी संबंधित पक्षों को अदालत के निर्देशों की जानकारी हो। इस मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी। जिसमें प्रमुख सचिव द्वारा अदालत में हलफनामा पेश किया जाएगा। इस सुनवाई में न्यायालय यह तय करेगा कि सरकारी अधिकारियों द्वारा "माननीय" शब्द का उपयोग उचित है या नहीं और यदि नहीं तो इसके खिलाफ क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

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