Prayagraj News : अंतरधार्मिक शादी करने वाले जोड़ों को लगा झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

UPT | Prayagraj News

Feb 05, 2024 18:21

अंतरधार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को कोर्ट से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों की ओर से सुरक्षा के लिए दायर याचिका को सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया।

Prayagraj News : अंतरधार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को कोर्ट से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों की ओर से सुरक्षा के लिए दायर याचिका को सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया। इस मामले में न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अधिनियम 2021 की धारा 8 व 9 के तहत विवाह अमान्य घोषित करते हुए संरक्षण की दायर याचिका खारिज कर दी। साथ ही कहा, कि अधिनियम के तहत कानून का पालन करते हुए एक नई याचिका दायर की जा सकती है। 

इनका कहना है
अधिवक्ता संजय कुमार श्रीवास्तव ने अपने याची की ओर से कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि मुस्लिम युवती ने धर्म बदलकर एक हिंदू युवक से शादी की थी। जिसके बाद उन्हें अपने परिजनों से खतरा महसूस होने पर संरक्षण के लिए याचिका दायर की गई। याची ने अपनी और अपने परिवार के लिए पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने की मांग की है। यह भी कहा कि पति-पत्नी के रूप में शांतिपूर्वक रहने में कोई हस्तक्षेप न करे। वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया, कि युवती ने धर्म बदलने के दौरान धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम की धारा 8 व 9 का पालन नहीं किया है। इसलिए विवाह अमान्य है। इसको लेकर याची के अधिवक्ता ने कहा, कि याची ने आर्य समाज मंदिर में 2017 में धर्म परिवर्तन किया था, इसलिए नए धर्मांतरण की आवश्यकता नहीं है। जहां कोर्ट ने इस तर्क को नहीं माना और याचिका खारिज कर दी। साथ ही कहा कि धारा 8 व 9 का अनुपालन सुनिश्चित करने के बाद एक नई याचिका दायर की जा सकती है।

अधिनियम की धारा 8 व 9 क्या है ?
उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 की धारा 8 व 9 का अनुपालन धर्म परिवर्तन के दौरान अनिवार्य है। धारा 8 के अनुसार धर्म परिवर्तन के लिए जिला मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को कम से कम 60 दिन पहले इस बारे में एक घोषणा पत्र देना होगा, कि धर्म परिवर्तन का निर्णय उसका अपना है। वहीं धारा 9 के अनुसार धर्मांतरण के बाद भी एक घोषणा करनी होगी। साथ ही नाम, पता आदि की पूरी जानकारी देनी होगी। 

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