महाकुंभ 2025 : जनवरी में प्रयागराज में होगा भव्य आयोजन, रेलवे ने शुरू की विशेष सेवाएं और ऐप लॉन्च

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Dec 14, 2024 13:13

हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह पर्व 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है। जहां संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते...

Prayagraj News : प्रयागराज में अगले साल जनवरी से महाकुंभ का भव्य आयोजन शुरू होगा। 13 जनवरी से आरंभ होकर यह आयोजन 26 जनवरी 2025 तक चलेगा। हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह पर्व 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है। जहां संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं।

भारी भीड़ के मद्देनजर विशेष इंतजाम
महाकुंभ में लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। यातायात, सुरक्षा और आवासीय सुविधाओं के साथ रेलवे ने भी इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष सेवाएं और तकनीकी समाधान पेश किए हैं, जिससे कुंभ यात्रा सुगम और सुरक्षित हो सके।

‘रेल महाकुंभ सेवा’ ऐप का शुभारंभ
भारतीय रेलवे ने महाकुंभ 2025 के लिए एक नई मोबाइल ऐप ‘रेल महाकुंभ सेवा’ लॉन्च की है। इस ऐप के माध्यम से यात्री अपनी ट्रेन टिकट बुक करने के साथ-साथ महाकुंभ से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस ऐप की मदद से श्रद्धालु कुंभ मेले में रहते हुए ही अपनी यात्रा का प्रबंधन कर सकते हैं।

50 शहरों से स्पेशल ट्रेनें
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे 50 प्रमुख शहरों से विशेष ट्रेनें चलाएगा। हर दिन करीब 20 लाख यात्रियों के महाकुंभ में आने का अनुमान है। श्रद्धालुओं को ट्रेन टिकट बुकिंग में सहूलियत देने के लिए रेलवे ने ‘यूटीएस ऐप’ का भी विस्तार किया है। इससे सामान्य कोच के लिए टिकट बिना स्टेशन गए बुक की जा सकती है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रेलवे ने जीआरपी के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की घोषणा की है। इन जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि मेले के दौरान किसी अप्रिय घटना को टाला जा सके।

आईआरसीटीसी के खास टूर पैकेज
आईआरसीटीसी ने महाकुंभ के लिए विशेष टूर पैकेज तैयार किए हैं। इन पैकेजों में श्रद्धालुओं के लिए आवास, भोजन और स्थानीय परिवहन की सुविधाएं शामिल होंगी।

महाकुंभ की ऐतिहासिक महत्ता
महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और बड़ा आयोजन माना जाता है। चार स्थलों (प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक) पर बारी-बारी से आयोजित होने वाला यह पर्व 12 वर्षों में एक बार प्रयागराज में होता है। इसे ‘महा’ कुंभ कहा जाता है। पुराणों में इसका उल्लेख अमृत प्राप्ति की कथा से जुड़ा है। जिसके अनुसार देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन से निकला अमृत कुंभ (कलश) इन्हीं स्थानों पर गिरा था।

श्रद्धालुओं की सहूलियत पर ध्यान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को टिकट बुक करने के लिए स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐप के माध्यम से टिकट बुकिंग की प्रक्रिया सरल और त्वरित होगी। इसके अतिरिक्त महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने विस्तृत योजना बनाई है।

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