Nov 29, 2024 17:08
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प्रयागराज में 2025 में होने वाला महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। इसमें करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इस विशाल संख्या को देखते हुए भारतीय रेलवे ने तैयारियों...
Prayagraj News : प्रयागराज में 2025 में होने वाला महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। इसमें करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इस विशाल संख्या को देखते हुए भारतीय रेलवे ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को समायोजित करने के लिए रेलवे ने 933.62 करोड़ रुपये की लागत से न सिर्फ रेलवे स्टेशन की सुविधाओं को उन्नत किया है, बल्कि यात्री सुविधाओं के स्तर को भी बढ़ाया है।
नई रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्री सुविधाओं में सुधार
रेलवे द्वारा प्रयागराज में प्रमुख स्टेशन जैसे प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, छिवकी और झूंसी में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण और सुधार किया जा रहा है। इन कार्यों में सड़कों, प्लेटफार्मों, पुलों और यात्री आश्रयों का निर्माण शामिल है। प्रयागराज जंक्शन पर पहले से चार यात्री आश्रय थे, लेकिन अब इसकी क्षमता को बढ़ाकर 4000 यात्रियों की क्षमता वाला एक और यात्री आश्रय जोड़ा गया है। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए नए सीसीटीवी कैमरे, शौचालय सुविधाएं, खानपान स्टॉल और अधिक शेड्स की व्यवस्था की गई है।
टिकटिंग सुविधा में सुधार
महाकुंभ 2025 के दौरान यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए रेलवे ने 542 टिकटिंग पॉइंट तैयार किए हैं, जिनमें प्रयागराज जंक्शन पर 132 काउंटर होंगे। इन काउंटरों के जरिए प्रतिदिन करीब 19 लाख श्रद्धालुओं को यात्रा टिकट मुहैया कराया जा सकेगा। इसके अलावा मेला क्षेत्र में यूटीएस, एटीवीएम, एमयूटीएस, और पीआरएस जैसे काउंटर बनाए जाएंगे। जिससे टिकटिंग प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक और तेज बनाया जा सकेगा।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के इंतजाम
महाकुंभ मेला जैसे बड़े आयोजन के दौरान भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए भारतीय रेलवे ने अत्याधुनिक कंप्यूटर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए भीड़ नियंत्रण के लिए सिमुलेशन प्रोग्राम शुरू किए हैं। इसके अलावा मेला अवधि के दौरान रेलवे के विभिन्न स्टेशनों और मेला क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। आरपीएफ की डॉग स्क्वायड टीमों द्वारा संदिग्ध वस्तुओं की जांच की जाएगी, और मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। इनमें से 100 कैमरे एआई आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम से लैस होंगे, जो असामाजिक तत्वों को पहचानने में मदद करेंगे।
हेल्पलाइन जारी और बहुभाषी में होगी उद्घोषणा
महाकुंभ मेला आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया है (1800-4199-139)। इसके साथ ही यात्रियों को यात्रा से संबंधित सभी जानकारी बहुभाषी उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से दी जाएगी। यह उद्घोषणा प्रणाली हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, बंगाली, उड़िया, तमिल और मलयालम जैसी भाषाओं में होगी ताकि देश के हर कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
अयोध्या, काशी और चित्रकूट जाने की विशेष रेल सेवाएं
महाकुंभ मेला के दौरान अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों जैसे अयोध्या, काशी और चित्रकूट जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष रेल सेवाएं चलाने की योजना बनाई गई है। प्रयागराज से अयोध्या-वाराणसी और चित्रकूट जाने के लिए रिंग रेलवे मार्ग की योजना बनाई गई है, ताकि तीर्थयात्रियों को बिना किसी कठिनाई के अपने गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। इन रेल सेवाओं में हर चौथे स्टेशन पर ठहराव होगा। जिससे यात्रियों को आसानी से यात्रा करने का मौका मिलेगा।
रेलवे और स्थानीय प्रशासन का समन्वय
रेलवे प्रशासन ने सभी कार्यों के लिए उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के साथ स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के लिए नियमित बैठकें आयोजित की हैं। यह बैठकें यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही हैं कि सभी तैयारियां समय से पूरी हों और श्रद्धालुओं के लिए कोई भी असुविधा न हो।
सुरक्षा और आपातकालीन सुविधाएं
रेलवे ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में और प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की है। इमरजेंसी स्थितियों के लिए मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं और जरूरत पड़ने पर त्वरित सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही सुरक्षा संबंधी उपायों के तहत स्थानीय पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल की भी तैनाती की जाएगी।