बहराइच और संभल के बाद प्रयागराज के गांवों में भेड़िए का खौफ : किसानों में दहशत, वन विभाग सतर्क

UPT | यह मेटा एआई द्वारा जनरेट की गई सांकेतिक तस्वीर है

Sep 26, 2024 18:05

बहराइच और संभल के बाद अब प्रयागराज भेड़ियों का डर सता रहा है। हालांकि अभी तक किसी पर हमला नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है।

Prayagraj News : प्रयागराज के बहादुरपुर विकास खंड के कई गांवों में इन दिनों भेड़ियों का खतरा मंडरा रहा है। बहराइच और संभल के बाद अब ककरा-कोटवा कछार क्षेत्र के किसानों को भेड़ियों का डर सता रहा है। स्थानीय किसानों का दावा है कि बाढ़ के बाद से जंगल में दो भेड़ियों को कई बार देखा गया है। हालांकि अभी तक किसी पर हमला नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। वन विभाग भी इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और जानवर की पहचान और उसे पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

भेड़ियों की मौजूदगी का दावा
बहादुरपुर विकास खंड के ककरा, कोटवा, लीलापुर, तिवारीपुर, नीबी और छिबैया गांवों के पास हजारों एकड़ में फैला जंगल है, जो गंगा की दो धाराओं के बीच स्थित है। यहां के किसान बड़े पैमाने पर खेती करते हैं। कोटवा निवासी किसान अशोक भारतीया का कहना है कि बाढ़ के बाद से जंगल में दो भेड़ियों को कई बार देखा गया है। बाढ़ के चलते किसान अपने परिवारों के साथ गांवों में लौट आए थे, लेकिन अब जब बाढ़ का पानी उतर चुका है, तो किसान अपनी खेती की तैयारी में फिर से जंगल की ओर लौटने लगे हैं। इसी दौरान भेड़ियों की मौजूदगी ने उन्हें डरा दिया है।



गांव वालों में दहशत का माहौल
गांव के एक किसान का कहना है कि भेड़ियों को कछार में देखा गया है। उन्होंने बताया कि भेड़िए अक्सर शाम के समय दिखाई देते हैं, जिससे गांव वालों में दहशत फैल गई है। खेतों में काम करने के दौरान किसानों को अब हमेशा सतर्क रहना पड़ता है। वहीं, वन विभाग ने इस संबंध में तुरंत कार्रवाई शुरू की है। फूलपुर के रेंजर अशोक ने बताया कि एक सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन अब तक कोई भेड़िया नहीं देखा गया है। वन विभाग की टीम जानवर के पैरों के निशान खोजने की कोशिश कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में भेड़िया है या कोई अन्य जंगली जानवर।

बच्चों की सुरक्षा के लिए एहतियात
गांवों में भेड़ियों की आशंका के चलते लोगों ने सुरक्षा के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। कई गांवों में बच्चों को अकेले घर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। ग्रामीण अब खेतों में लाठी-डंडे लेकर जा रहे हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना किया जा सके। सियारों के हमले की घटनाओं ने भी लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कुछ क्षेत्रों में सियारों ने मवेशियों और लोगों पर हमला किया है, जिससे जंगली जानवरों का खतरा और बढ़ गया है।

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वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग इस मामले को लेकर पूरी तरह सतर्क है। रेंजर अशोक ने कहा कि भेड़ियों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। जानवर के पैरों के निशान खोजे जा रहे हैं ताकि उसकी पहचान की जा सके। विभाग की योजना है कि जैसे ही जानवर की सही जानकारी मिलती है, उसे पकड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल
भेड़ियों ने अभी तक किसी पर हमला नहीं किया है, फिर भी ग्रामीणों के बीच भय बना हुआ है। खेतों में काम करने वाले किसानों को हर वक्त डर रहता है कि कहीं अचानक भेड़िये उन पर हमला न कर दें। ग्रामीणों का कहना है कि वे वन विभाग की मदद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन जब तक भेड़ियों को पकड़ा नहीं जाता, तब तक उनकी चिंता दूर नहीं होगी।

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