जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही : डॉक्टर ने महिला के पेट में छोड़ा टॉवल, बेटी को दिया था जन्म, दर्द हुआ तो पता चला...

UPT | नवजात को लेकर बैठे परिजन

Dec 14, 2024 12:50

सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान महिला के पेट में टॉवल छोड़ दिया...

Saharanpur News : सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान महिला के पेट में टॉवल छोड़ दिया। महिला ने सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए बेटी को जन्म दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद उसे पेट में दर्द महसूस होने लगा। जांच में यह पता चला कि उसके पेट में टॉवल फंसा हुआ था। शुक्रवार को महिला को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवाना पड़ा, जहां टॉवल को निकाल लिया गया, लेकिन इस दौरान उसकी आंत फट गई। इसके बाद महिला को गंभीर हालत में चंडीगढ़ रेफर किया गया। इस घटना के बाद CMO ने पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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पेट में दर्द होने पर हुआ बड़ा खुलासा
सहारनपुर के सढौली पिलखनी निवासी सूरज की पत्नी करिश्मा प्रेग्नेंट थीं। 25 नवंबर को पेट में दर्द होने पर उसे ससुराल वाले जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में सर्जरी के बाद करिश्मा ने एक बेटी को जन्म दिया। हालांकि, डॉक्टरों की लापरवाही के कारण प्रसूता के पेट में ऑपरेशन के दौरान टॉवल छोड़ दिया गया। शुरुआत में स्थिति सामान्य रही, लेकिन पिछले दो दिनों से करिश्मा को पेट में तेज दर्द होने लगा। जब जांच की गई, तो यह पता चला कि उसके पेट में टॉवल फंसा हुआ था।



इंजेक्शन लगाते ही फूल गया पेट
पीड़िता ने बताया कि जब वह अपने ससुराल वालों के साथ महिला अस्पताल पहुंची, तो पेट में दर्द की शिकायत की। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे एक इंजेक्शन लगा दिया। महिला ने कहा कि इंजेक्शन लगते ही उसका पेट फूलने लगा और दर्द भी बढ़ गया। इसके बाद, डॉक्टरों ने बिना किसी जानकारी के प्रसूता को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। महिला का कहना है कि उन्हें इस स्थिति की सही वजह और इलाज के बारे में कुछ नहीं बताया गया, जिससे उसकी परेशानी और बढ़ गई।

महिला के मायके वाले भी पहुंचे
महिला ने बताया कि उसके मायके वाले भी जिला महिला अस्पताल पहुंचे, जहां उसके भाई ने उसे बराड़ा मेडिकल कॉलेज ले जाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, महिला को अपने घर की स्थिति का अंदाजा था, इसलिए उसने मना कर दिया। लेकिन, मायके पक्ष के लोग उसे जबरन बराड़ा मेडिकल कॉलेज ले गए। वहां पर उसकी सभी जांच में करीब 7 हजार रुपए खर्च हुए, और चिकित्सकों ने लगभग 70 हजार रुपए खर्च का अनुमान बताया। महिला ने वहां ऑपरेशन कराने से इनकार कर दिया और अंततः अपने ससुरालवालों के साथ सहारनपुर के मेडिकल कॉलेज आ गई।

प्राइवेट अस्पताल में पहुंचे परिजन
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने महिला की स्थिति को देखकर उसे हाईयर सेंटर के लिए रेफर कर दिया था। लेकिन, प्रसूता के पति ने परिजनों और मायके पक्ष के दबाव में आकर दिल्ली रोड के एक प्राइवेट अस्पताल में उसे लेकर पहुंचा। वहां महिला का फिर से ऑपरेशन किया गया और उसके पेट से टॉवल निकाला गया। इस ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति में कुछ सुधार हुआ, लेकिन उसकी हालत अब भी नाजुक थी।

पेट में टॉवल होने के कारण आंत फटी
महिला के पेट में टॉवल होने के कारण उसकी आंत फट गई थी, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। लेकिन, उसकी गरीबी के कारण उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे और अस्पताल ने उसे बंधक बना लिया था। हालांकि, CMO डॉ. प्रवीण कुमार के हस्तक्षेप के बाद महिला को चंडीगढ़ के एक हाईयर सेंटर भेजा गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा कि पूरे मामले को संज्ञान में लिया गया है और जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों द्वारा बरती गई लापरवाही की जांच कराई जाएगी। साथ ही, यह भी पता किया जाएगा कि ऑपरेशन किस डॉक्टर ने किया था और जांच के बाद दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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