योगी सरकार की खास पहल : संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए उठाया बड़ा कदम, छात्रों को मिलेगा 586 लाख रुपये का लाभ

UPT | संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार की खास पहल

Nov 02, 2024 11:27

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संस्कृत भाषा की महत्ता को मान्यता देते हुए 23 वर्षों के अंतराल के बाद संस्कृत छात्रवृत्ति योजना को पुनः लागू करने का निर्णय लिया है। यह संपूर्णानंद संस्कृत...

Ghazipur News : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संस्कृत भाषा की महत्ता को मान्यता देते हुए 23 वर्षों के अंतराल के बाद संस्कृत छात्रवृत्ति योजना को पुनः लागू करने का निर्णय लिया है। यह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों समेत राज्य की 69,195 संस्कृत छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के अंतर्गत छात्रों को 586 लाख रुपये की छात्रवृत्ति उनके बैंक खातों में सीधे डाला जाएगा। पहले यह छात्रवृत्ति केवल 300 छात्रों को उपलब्ध थी और इसके लिए उम्र की एक सीमा तय की गई थी, जो अब हटा दी गई है। इस बदलाव के साथ अधिक से अधिक छात्रों को इस योजना का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा।

आचार्या कंचन सिंह ने बताया
इस महत्त्वपूर्ण पहल पर चर्चा के दौरान आचार्या कंचन सिंह ने बताया कि संस्कृत के अध्ययन को एक विषय नहीं, बल्कि एक जीवनशैली और व्यवहार का अभ्यास बताते हुए इसके महत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा, "संस्कृत ज्ञान केवल भाषाई नहीं है, बल्कि यह वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत समृद्ध है।" आचार्या ने गुरुकुल की शिक्षा प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रणाली छात्रों को खगोलशास्त्र, गणित, चिकित्सा और दर्शन में गहराई से सीखने की भक्ति देती है। उन्होंने यह भी कहा कि "गुरुकुल शिक्षा प्रणाली हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है और एक सुव्यवस्थित जीवनशैली को प्रोत्साहित करती है।" भविष्य के अध्ययन और शोध यह दर्शाते हैं कि संस्कृत शिक्षा बच्चों के समग्र विकास में सहायता करती है। एक अध्ययन में यह पाया गया कि संस्कृत का अध्ययन विद्यार्थियों की एकाग्रता और समस्या सुलझाने की क्षमता को बढ़ाता है। आचार्य कंचन ने बताया, "गुरुकुलों में शिक्षा न केवल शैक्षणिक होती है, बल्कि आत्म-नियमन, एकजुटता और नैतिक मूल्यों की भी पाठशाला होती है।"

आवासीय गुरुकुल प्रणाली का पुनर्जीवन
संस्कृत शिक्षा के बढ़ते महत्त्व को समझते हुए सरकार ने आवासीय गुरुकुल प्रणाली को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है। इसके तहत गुरुकुलों में छात्रों को निःशुल्क आवास और भोजन की सुविधा प्रदान की जाएगी। योग्य आचार्यों की नियुक्ति हेतु भी स्वायत्तता दी जाएगी। आचार्या ने कहा कि "गुरुकुल शिक्षा का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं है बल्कि यह छात्रों को सह-अस्तित्व, आत्मानुशासन और एक-दूसरे के प्रति आदर का पाठ पढ़ाती है।"

संस्कृत और वैदिक शिक्षा का महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी घोषणा की है कि राज्य में एक वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिससे वैदिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ा जाएगा। संस्कृत का अध्ययन केवल छात्रों में भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व की भावना नहीं पैदा करता, बल्कि यह मस्तिष्क की स्मरण शक्ति, तर्कशक्ति और मानसिक स्थिरता को भी बढ़ाता है।

Also Read