काशी में नया विवाद : प्रतिष्ठित यूपी कॉलेज पर मुस्लिमों ने दावा ठोंका, वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया, 500 लोग नमाज पढ़ने पहुंचे

UPT | नमाज पढ़कर बाहर निकलते नमाजी

Nov 29, 2024 18:16

वाराणसी के भोजूबीर स्थित प्रतिष्ठित उदय प्रताप कॉलेज में हाल ही में एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज की संपत्ति को अपनी बताने और मस्जिद में नमाज अदा करने के मामले में गहमागहमी बढ़ गई है।

Varanasi News : वाराणसी के भोजूबीर स्थित प्रतिष्ठित उदय प्रताप कॉलेज में हाल ही में एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज की संपत्ति को अपनी बताने और मस्जिद में नमाज अदा करने के मामले में गहमागहमी बढ़ गई है। शुक्रवार को 500 के आसपास मुस्लिम समुदाय के लोग कॉलेज में स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे, जबकि इससे पहले ये संख्या दर्जनों में ही होती थी। इस बढ़ी हुई भीड़ के मद्देनज़र पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है, और प्रशासन इस मामले को लेकर अलर्ट है।

उदय प्रताप कॉलेज में वक्फ बोर्ड का दावा
विवाद की शुरुआत तब हुई जब 2018 में वक्फ बोर्ड द्वारा जारी किए गए एक पत्र का एक अंश वायरल हुआ, जिसमें यूपी कॉलेज की संपत्ति को वक्फ बोर्ड की बताई गई थी। इस पत्र के बाद से कॉलेज में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। उदय प्रताप कॉलेज के छात्रों ने इस मामले को लेकर जिला अधिकारी और कमिश्नर को पत्र सौंपा और मांग की कि कॉलेज परिसर में नमाज अदा करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को रोका जाए और मस्जिद को हटाया जाए। छात्रों का कहना है कि यह संपत्ति कॉलेज के बनने से पहले वक्फ बोर्ड की नहीं थी।



मस्जिद में 500 लोग नमाज पढ़ने पहुंचे
कॉलेज प्रबंधन ने इस विवाद को लेकर स्पष्ट किया है कि उन्होंने वक्फ बोर्ड को इस मामले में जवाब भेज दिया है। कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि 2005 से 2012 तक इस परिसर में कोई नमाज अदा करने नहीं आता था, लेकिन 2020 के बाद स्थिति बदल गई। छात्रों ने कहा कि कोविड-19 के बाद से नमाज अदा करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ और अब यह संख्या बढ़कर 500 के आसपास पहुंच गई है।

कॉलेज परिसर पर संपत्ति का दावा
छात्रों ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। वहीं, मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि मुख्तार ने दावा किया कि यह जमीन मस्जिद की है और उनके पास इसके दस्तावेज भी हैं, जिन्हें वे वक्फ बोर्ड के पास जमा करेंगे। यह मामला अब कॉलेज प्रशासन और वक्फ बोर्ड के बीच एक कानूनी लड़ाई में बदलता दिख रहा है, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी संपत्ति के अधिकार का दावा कर रहे हैं।

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