लोकसभा चुनाव की गिनती पूरी होते ही राम नगरी में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा की साइकिल का जादू चला। सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने इस सीट पर 554289 मत हासिल किए...
अयोध्या में बहुत बड़ा उलटफेर : रामनगरी में सपा का लहराया परचम, जानिए कौन हैं लल्लू सिंह को हराने वाले अवधेश प्रसाद
Jun 04, 2024 20:47
Jun 04, 2024 20:47
अयोध्या में भाजपा को बड़ा झटका लगा
अयोध्या में बीजेपी की हार ने सबको बड़ा झटका लगा है। रामनगरी में राममंदिर का जादू न चलकर साइकिल का जादू चला है। अनुमान लगाया जा सकता है कि अयोध्या में भाजपा की जीत का सबसे बड़ा कारण राममंदिर निर्माण के दौरान बेघर हुए लोग हैं। दूसरा बड़ा कारण अयोध्या में मुस्लिम वोट है। मुस्लिम वोट एकजुट होकर इंडी गठबंधन के पक्ष में गया और हिंदू वोट भी इंडी गठबंधन के पक्ष में गई। अयोध्या में भाजपा से ओबीसी, ब्राह्मण और ठाकुर वर्ग नाराज चल रहा था। यह भी एक कारण रहा है। अयोध्या में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।
कौन हैं अवधेश प्रसाद
सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद वर्तमान में अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा से सपा के विधायक है। अवधेश प्रसाद मुलायम सिंह के करीबी रहे हैं। दलित वोट बैंक पर खासी पकड़ होने के साथ-साथ यादव और मुस्लिम मतदाताओं का समीकरण इनके साथ रहा है। अवधेश प्रसाद लंबे समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। अयोध्या से अवधेश प्रसाद को प्रत्याशी बनाकर अखिलेश यादव का फैसला सही साबित हुआ।
अवधेश प्रसाद का सियासी सफर
अवधेश प्रसाद ने राजनीति की शुरुआत जनता पार्टी से की थी। वह 1977 में पहली बार अयोध्या जनपद की सोहावल विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 1985, 1989, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं। लेकिन साल 2017 में मिल्कीपुर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा ने उन्हें मात दे दी। इसके बाद भी अवधेश प्रसाद ने हार नहीं मानी और 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा को 13,000 से अधिक मतों से पराजित किया।
कौन हैं लल्लू सिंह
लल्लू सिंह रामनगरी अयोध्या (फैजाबाद लोकसभा सीट) के तीसरी बार सांसद बने हैं। 2014 में उन्हें पहली बार भाजपा ने अयोध्या सीट से सांसद बनाया था। इसके बाद 2019 में उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार आनंद सेन को हराकर जीत हासिल की थी। अयोध्या शहर के पास रायपुर में जन्में लल्लू सिंह ने शिक्षा में एमए एलएलबी की है। उन्होंने तीसरी बार सपा- कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को हराकर जीत हासिल की है। रामनगरी में राम को लाने वालों की सरकार बनी है।
विवादित बयान से चर्चा में रहे लल्लू सिंह
हाल ही में अपने विवादित बयान के चलते लल्लू सिंह चर्चा में रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार लल्लू सिंह ने कहा कि केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सांसद चाहिए, लेकिन संविधान संशोधन या संविधान बदलने के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए। नियम बदलना होगा और संविधान भी बदलना होगा। लल्लू सिंह के इस बयान ने हंगामा मचा दिया। उनके इस बयान को विपक्ष ने मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरा था।
प्रचारक से सासंद तक का सफर
लल्लू सिंह ने साल 1980 में आरएसएस के प्रचारक के रूपवमें काम किया। इसके बाद उन्होंने 1986 में एबीवीपी के प्रदेश संगठन मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। साल 1988 में वह भाजपा के जिलाध्यक्ष बनें। उन्होंने 1989 में पहली बार अयोध्या से विधानसभा का चुनाव लड़ा। लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और वह हार गए। उन्होंने 1991 में दोबारा तुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर विधानसभा सदस्य बने। यहां से उनकी झोली में लगातार जीत आने लगी। साल 1993, 1996, 2002, 2007 में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। इस बीच उनको पर्यटन और ऊर्जा राज्यमंत्री भी बनाया गया। इसके बाद 2012 में विधानसभा चुनाव हार गए और 2014 में अयोध्या लोकसभा सीट से सांसद बने।
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