सीएम योगी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि 500 साल पहले बाबर के सिपहसालार द्वारा अयोध्या और संभल में किए गए कृत्य और वर्तमान में बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की प्रकृति-डीएनए एक जैसा है...
रामायण मेले में सीएम योगी का बयान : बांटने वाले काटने और कटवाने का कर रहे इंतजाम, कई देशों में है प्रॉपर्टी...वहां भाग जाएंगे
Dec 05, 2024 14:44
Dec 05, 2024 14:44
Ayodhya : संभल-बांग्लादेश बवाल का डीएनए एक जैसा @myogiadityanath #SambhalViolence #Bangladesh pic.twitter.com/iTdN4UYJBz
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) December 5, 2024
मेले का उद्घाटन और पुस्तिका का किया विमोचन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामायण मेला समिति द्वारा आयोजित 43वें रामायण मेला का उद्घाटन रामकथा पार्क में किया और इस दौरान एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने रामायण मेला समिति को यह आश्वासन दिया कि अयोध्या में कुछ नया लाने के लिए सरकार हमेशा उनके साथ है। इसके अलावा, उन्होंने रामायण पर और अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अयोध्या को उसके प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।
अगर हम जोड़ने को महत्व देते तो...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर हमने जोड़ने को महत्व दिया होता, तो देश में सामाजिक विद्वेष और बंटवारे की दुश्मन शक्तियों की रणनीति सफल नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने समाज को जोड़ने का कार्य किया और यदि हम उसी मार्ग पर चलते, तो भारत कभी गुलाम नहीं होता और हमारे तीर्थ स्थल अपवित्र नहीं होते। उन्होंने यह आरोप लगाया कि समाज में विभाजन करने वाली ताकतें आज भी सक्रिय हैं, जो जातिवाद और राजनीति के नाम पर सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
अयोध्या एक मार्गदर्शक स्थान
अयोध्या को लेकर सीएम योगी ने कहा कि यह शहर हजारों वर्षों से मानवता और विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहा है। उन्होंने इसे दुनिया के लिए एक मार्गदर्शक स्थान बताया और कहा कि यहां कोई युद्ध करने का दुस्साहस नहीं कर सकता। अयोध्या, जो अब आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक वैश्विक नगरी के रूप में उभर रहा है, उसने 500 वर्षों बाद फिर से राम मंदिर में प्रभु राम के आगमन के साथ एक नई पहचान प्राप्त की है। यह आयोजन न सिर्फ अयोध्या में, बल्कि पूरे देश और दुनिया में मनाया गया।
जिनके मन में...श्रद्धा का भाव नहीं उन्हें त्याग देना चाहिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम और मां जानकी के प्रति भारतीयों की श्रद्धा को उजागर किया। उन्होंने कहा कि इस श्रद्धा को समझने के लिए हमे गांव-गांव में आयोजित रामलीला का उदाहरण देखना चाहिए, जिसे संत तुलसीदास ने शुरू किया था। इसके अलावा, उन्होंने 1990 के दशक को याद करते हुए बताया कि जब टीवी हर घर में नहीं था, तब भी लोग दूरदर्शन पर रामायण देखने के लिए दूर-दराज से जाते थे। यह भारत की सनातन श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि जिनके मन में श्रीराम और मां जानकी के प्रति श्रद्धा का भाव नहीं है, उन्हें समाज से हटा देना चाहिए।
राम मनोहर लोहिया का किया जिक्र
सीएम योगी ने समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया का भी हवाला दिया, जिन्होंने कहा था कि जब तक भारत में श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव के प्रति आस्था बनी रहेगी, तब तक इस देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा। उन्होंने बताया कि लोहिया जी का विश्वास था कि भारत की एकता और अखंडता की कुंजी इन तीन आराध्य देवों के प्रति आस्था में है। सीएम ने कहा कि आजकल के समाजवादी लोहिया के आदर्शों को नहीं मानते, जो इस एकता को सुदृढ़ करने का काम करते थे।
भगवान राम ने भारत को जोड़ने का काम किया
मुख्यमंत्री योगी ने अपने बयान में यह भी कहा कि श्रीराम ने समस्त भारत को जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने रामायण के आदर्शों पर चलते हुए देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित किया। इसी प्रकार, समाज में जातीय और धार्मिक संगठन जो समाज को तोड़ने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा। अगर हम राम के आदर्शों को अपनाते हैं, तो हम समाज में शांति और समरसता बना सकते हैं और देश को और मजबूत बना सकते हैं।
आज छोटी सी जमीन के लिए हो रहा विवाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब एक छोटी सी ज़मीन के लिए आज भी विवाद और हिंसा हो रही है, तो हमें राम के आदर्शों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेते हुए कहा कि जब राजा दशरथ ने श्रीराम से कहा कि वह कैकैयी के वचन को न मानें और गद्दी पर बैठें, तो श्रीराम ने जवाब दिया कि ऐसा करने से भविष्य की पीढ़ियों के सामने सही आदर्श नहीं होगा। सीएम ने यह भी कहा कि आज समाज में भाई-भाई, पिता-पुत्र, मां-पुत्र, और भाई-बहन के बीच झगड़े बढ़ रहे हैं, जो रामायण के आदर्शों के विपरीत हैं। जातीय संगठन और सामाजिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व सक्रिय हैं, जिनसे हमें लड़ने की जरूरत है।
भगवान राम के आदर्श की चर्चा की
सीएम योगी ने भगवान राम के जीवन से एकता और सामूहिकता के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने राम की किष्किंधा और लंका की लड़ाइयों का उदाहरण देते हुए कहा कि राम ने केवल युद्ध जीतने पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि अपने आदर्शों के तहत सुग्रीव और विभीषण को राज्याभिषेक भी दिया। उनका उद्देश्य हमेशा समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देना था। उन्होंने श्रीराम की निषादराज के साथ मित्रता का भी उदाहरण दिया, जिसे समाज में सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने के रूप में देखा जा सकता है।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा श्रृंगवेरपुर में 56 फुट ऊंची राम की प्रतिमा स्थापित करने का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह कदम भगवान राम के आदर्शों को समाज में फैलाने और लोगों को उनके सत्य, धर्म और भाईचारे के संदेश से जोड़ने के लिए उठाया गया है। इस दौरान मणिराम दास छावनी के महंत व आयोजन समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महंत कमलनयन दास जी महाराज, जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य जी महाराज, जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य जी महाराज, बड़े भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेश कुमार दास जी महाराज, पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती, सुनीता शास्त्री, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, कमलेश सिंह, नागा रामलखन दास, संयोजक आशीष मिश्र आदि मौजूद रहे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. जनार्दन उपाध्याय ने किया।
चार दिन चलेगा रामायण मेला
बता दें कि अयोध्या में यह रामायण मेला, चार दिन तक चलेगा, जिसमें हर दिन सुबह 11:00 बजे से लेकर अपराह्न 1:00 बजे तक रामलीला का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जो रामायण के प्रसंगों और भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे। इसी के मद्देनजर आज गुरुवार को सीएम योगी अयोध्या पहुंचे और मेले का शुभारंभ किया।
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