राम मंदिर के पुजारियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी : ड्रेस कोड और मोबाइल पर रहेगा प्रतिबंध, ट्रेनिंग के बाद मिली अनुष्ठान की जिम्मेदारी

ड्रेस कोड और मोबाइल पर रहेगा प्रतिबंध, ट्रेनिंग के बाद मिली अनुष्ठान की जिम्मेदारी
UPT | Ayodhya Ram Mandir

Nov 30, 2024 16:06

अनिल मिश्रा ने बताया कि पुजारियों के लिए एक विशेष ड्रेस कोड भी तय किया गया है। पुजारियों को कमर से नीचे तक परिधान पहनना होगा और ऊपरी शरीर पर चौबंदी धारण करनी होगी। सिर पर पगड़ी या साफा पहनना अनिवार्य होगा।

Nov 30, 2024 16:06

Ayodhya News : अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर संचालन और अनुष्ठानों को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इन निर्णयों के तहत मंदिर में अनुष्ठानों की पवित्रता सुनिश्चित करने और पुजारियों के कार्यक्षेत्र को व्यवस्थित करने पर जोर दिया गया है। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने शुक्रवार को इन फैसलों की जानकारी दी।

ड्रेस कोड और मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध
अनिल मिश्रा ने बताया कि पुजारियों के लिए एक विशेष ड्रेस कोड भी तय किया गया है। पुजारियों को कमर से नीचे तक परिधान पहनना होगा और ऊपरी शरीर पर चौबंदी धारण करनी होगी। सिर पर पगड़ी या साफा पहनना अनिवार्य होगा। सर्दियों में पुजारी केसरिया रंग के ऊनी वस्त्र पहन सकते हैं। इसके अलावा, पूजा के दौरान मोबाइल फोन, विशेष रूप से एंड्रॉइड फोन ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर पारंपरिक बेसिक फोन का उपयोग किया जा सकेगा।



अशुद्धता की स्थिति में प्रवेश निषेध
अनिल मिश्रा ने बताया कि यदि किसी पुजारी के परिवार में जन्म या मृत्यु जैसी घटनाएं होती हैं, जिससे धार्मिक रूप से अशुद्धता मानी जाती है, तो ऐसे समय में पुजारी को राम मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने यह भी बताया कि छह महीने की विशेष प्रशिक्षण पूरी करने वाले पुजारियों को मंदिर में अनुष्ठानों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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नए पुजारियों के लिए दिशानिर्देश
राम मंदिर में अनुष्ठान करने वाले पुजारियों को राम मंदिर की धार्मिक समिति द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ये पुजारी राम जन्मभूमि परिसर में स्थित सभी 18 मंदिरों में बारी-बारी से पूजा-अर्चना करेंगे। हाल ही में 20 पुजारियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उच्च योग्यता वाली टीम ने उन्हें अनुष्ठान, पवित्रता और परंपराओं से संबंधित ट्रेनिंग दी है।

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