तिरुपति विवाद के बाद बड़ा फैसला : जांच के लिए राम मंदिर के प्रसाद का लिया गया सैंपल, जनसुनवाई पोर्टल पर मिली थी शिकायत

जांच के लिए राम मंदिर के प्रसाद का लिया गया सैंपल, जनसुनवाई पोर्टल पर मिली थी शिकायत
UPT | जांच के लिए राम मंदिर के प्रसाद का लिया गया सैंपल

Sep 27, 2024 21:23

मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर एक व्यक्ति ने राम मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले इलायची दाने पर भी संदेह जताया। व्यक्ति ने मांग की कि इस प्रसाद की भी जांच की जाए। इसके बाद अब राम मंदिर के प्रसाद के सैंपल भी ले लिए गए हैं।

Sep 27, 2024 21:23

Short Highlights
  • राम मंदिर के प्रसाद का लिया गया सैंपल
  • झांसी भेजा गया प्रसाद का सैंपल
  • 80 हजार पैकेट का रोजाना वितरण
Ayodhya News : तिरुपति बालाजी में मिलने वाले प्रसाद लड्डू में चर्बी मिलने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। देश के अलग-अलग मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद के जांच की भी मांग उठने लगी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर एक व्यक्ति ने राम मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले इलायची दाने पर भी संदेह जताया। व्यक्ति ने मांग की कि इस प्रसाद की भी जांच की जाए। इसके बाद अब राम मंदिर के प्रसाद के सैंपल भी ले लिए गए हैं।

झांसी भेजा गया प्रसाद का सैंपल
आपको बता दें कि राम मंदिर में प्रसाद के रूप में इलायची दाने का वितरण किया जाता है। रामलला ने नए स्ट्रक्चर में आने के बाद से ही इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाने लगा। हालांकि जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत मिलने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने प्रसाद की सैंपलिंग कर उसे जांच के लिए झांसी स्थित राजकीय प्रयोगशाला भेज दिया है।



80 हजार पैकेट का रोजाना वितरण
राम मंदिर से मिलने वाले प्रसाद में इलायची दाने के अलावा किसी अन्य खाद्य पदार्थ को शामिल नहीं किया दाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हर रोज करीब 80 हजार पैकेट को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। प्रसाद को तैयार करने की जिम्मेदारी राम विलास एंड संस कंपनी के पास है। हैदरगंज में यह प्रसाद तैयार होता है। यहीं से खाद्य विभाग ने सैंपल लिए हैं।

रसोई में बनता है रामलला का भोग
रामलला को लगने वाले भोग को मंदिर में ही स्थित रसोई में तैयार किया जाता है। यह भोग समय के अनुसार अलग-अलग बनता है। इसमें सामान्य रूप से पूड़ी, सब्जी, खीर बनाई जाती है। वहीं पेड़ा, पान, फल और मेवा जैसी कुछ वस्तुएं बाहर से मंगाई जाती हैं। बताते हैं कि पान व पेड़ा जिस हलवाई की दुकान से आता है, वह तीन पीढ़ियों से रामलला के लिए ये सामान भेजते हैं और यहां शुद्धता की पूरी गारंटी होती है।

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