शारदीय नवरात्र और रामलीला मंचन कार्यक्रमों को लेकर केंद्रीय दुर्गा पूजा और रामलीला समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने पूजा स्थलों का निरीक्षण किया...
मां की आराधना : 19 पौराणिक स्थल के साथ 79 दुर्गा पूजा पांडालों में नवरात्र में पधारेंगी शेरावाली
Sep 14, 2024 21:29
Sep 14, 2024 21:29
- केंद्रीय दुर्गा पूजा और रामलीला समन्वय समिति की टीम ने किया निरीक्षण
- पहली अक्टूबर से रामलीला व 2 को निकलेगी कलश यात्रा
- पूजा स्थलों पर समस्याओं का अंबार, प्रशासन से नाराजगी
Ayodhya News : भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या धाम में शारदीय नवरात्र और रामलीला मंचन कार्यक्रमों को लेकर केंद्रीय दुर्गा पूजा और रामलीला समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने पूजा स्थलों का निरीक्षण किया। कहीं झूलते हुए बिजली तार तो कहीं गन्दगी और नाली, गड्ढे दिखे। अयोध्या में 19 पौराणिक स्थल, 03 रामलीला स्थल और 79 दुर्गा पूजा स्थलों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इन स्थलों पर रामलीला मंचन व पंडाल बनाकर माता जी की स्थापना होती है। समन्वय समिति के पदाधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण के दौरान अव्यवस्थाओं का अंबार दिखा। होने वाली दिक्कतों के निदान के लिए न सुनने वाले जिला प्रशासन और नगर निगम अयोध्या के प्रति नाराजगी जताई।
12 अक्टूबर से अयोध्या में दुर्गा प्रतिमाओं का होगा विसर्जन
केंद्रीय दुर्गा पूजा और रामलीला समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अयोध्या में तीन स्थानों पर होने वाली रामलीला पहली अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होगी वहीं परंपरागत निकलने वाली कलश यात्रा 2 अक्टूबर को निकलेगी और 19 पौराणिक स्थल के साथ 79 दुर्गा पूजा स्थलों पर 3 अक्टूबर शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा से पूजा प्रारंभ हो जाएगी। अयोध्या में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन 12 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएगा जो विभिन्न तिथियां में अलग-अलग चलेगा लेकिन प्रशासन के तरफ से अभी कोई तैयारी दिखाई नहीं दे रही।
पूजा स्थलों पर होने वाली दिक्कतों का समाधान कराए प्रशासन
केंद्रीय दुर्गा पूजा रामलीला समन्वय समिति अयोध्या धाम के प्रवक्ता भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि अयोध्या में विकास कार्यों के संरक्षण में स्थानीय कार्यक्रमों को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने प्रत्येक बयानों में यह कहते नहीं थकते हैं कि हिंदुओं के त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जा रहे हैं लेकिन अयोध्या प्रशासन और नगर निगम की कमियां नंगी आंखों से देखी जा सकती। विद्युत व्यवस्था और सड़कों पर गढ्ढों के व्यवस्था का कोई अस्थाई समाधान नहीं है। दुर्गा पूजा समितियां कैसे प्रतिमा को लाकर स्थापित करेंगे और विसर्जित करेगी इसका कोई समाधान अभी तक नहीं बनाया गया है। जबकि पूजा प्रारंभ होने में मात्र तीन सप्ताह ही शेष बचे हैं। नगर निगम और स्थानीय जिला प्रशासन को इन समस्याओं को शीघ्र निपटारा करना चाहिए।
समन्वय समिति के प्रवक्ता ने डिस्टर्ब करने का लगाया आरोप
साथ ही साथ बताते चलें कि लगभग एक दर्जन दुर्गा पूजा समितियां को प्रशासन द्वारा डिस्टर्ब करने का प्रयास चल रहा है। जिसमें प्रमुख रूप से रेलवे स्टेशन पर परंपरागत वर्षों से स्थापित होने वाली दुर्गा पूजा समिति, पुराना बस स्टेशन बिरला धर्मशाला के सामने पूजा करने वाली दुर्गा पूजा समिति और टेढ़ी बाजार के पास पूजा करने वाली समिति के पास कोई विकल्प नहीं है। वह प्रतिमा को कहां स्थापित करेंगे और यह सारा कार्य विकास के नाम पर किया जा रहा है।विकास के साथ-साथ विकल्प भी तैयार करना होगा कि वह समितियां जो कई दशकों से उसे स्थल पर पूजा कर रही थी वह अब क्या करेगी कैसे करेंगे और कहां करेंगी।
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