बरेली में मेडिकल स्टोर्स से नशीली दवाओं और इंजेक्शन बिक्री की काफी समय से चर्चा थी। मगर, अब नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रतिबंधित इंजेक्शन की खरीद-बिक्री का बड़ा नेटवर्क बरेली में सक्रिय मिला है। यह खुलासा पंजाब के करनाल की नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो (एनसीबी) की जांच में हुआ है। टीम की जांच में शहर के दो मेडिकल स्टोर्स की भूमिका मिली है।
बरेली में मेडिकल स्टोर से नशे का कारोबार : पंजाब की एनसीबी के छापे से खुलासा, रद्द हो सकते हैं लाइसेंस
Nov 23, 2024 19:22
Nov 23, 2024 19:22
प्रतिबंधित ब्यूप्रीनारफिन इंजेक्शन की बिक्री पर छापा
पंजाब के करनाल में रेक्सोजेसिक ब्रांड का प्रतिबंधित ब्यूप्रीनारफिन इंजेक्शन बेचे जाने की जानकारी पर एनसीबी ने जांच शुरू की थी। इस मामले में आगरा के दवा कारोबारी संजीव गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बरेली के दीपक पांडेय का नाम लिया, जो प्रतिबंधित इंजेक्शनों की आपूर्ति में शामिल था। दीपक को सूचना मिलते ही मुरादाबाद भागने की कोशिश की, लेकिन एनसीबी ने लोकेशन ट्रैक कर उसे गिरफ्तार कर लिया और बरेली लाकर पूछताछ की। है। उसने बताया कि इंजेक्शन की सप्लाई प्रयाग फार्मा के जरिए की जा रही थी। इससे पहले बहेड़ी के तीन प्रमुख मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी कर संदिग्ध दवाओं के नमूने लिए गए थे। इसके साथ ही कुछ स्थानों पर दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। ये दवाएं बिना पर्ची और बिल के बेची जा रही थीं।
प्रतिबंधित इंजेक्शन की खरीद-बिक्री के कच्चे बिल मिले
एनसीबी ने प्रयाग फार्मा की जांच की है। यहां प्रतिबंधित इंजेक्शन की खरीद-बिक्री के कच्चे बिल मिले, लेकिन स्टॉक नहीं मिला। इसके बाद टीम ने श्री राधा मेडिकल स्टोर पर छापा मारा, लेकिन वहां ताला बंद मिला। टीम ने नोटिस चस्पा कर कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ाई। बताया जाता है कि नशे की इन दवाओं का कारोबार न केवल बरेली, बल्कि दिल्ली, हरियाणा, और पंजाब तक फैला हुआ है। पहले भी हिमाचल प्रदेश से दवाओं की खेप सीधे बरेली पहुंचाई जाती थी।
...तो रद्द होंगे मेडिकल के लाइंसेंस
ड्रग इंस्पेक्टर अनामिका अंकुर जैन ने बताया कि जांच में जुटाए गए सबूतों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट को सहायक आयुक्त औषधि को सौंपा जाएगा। इसमें दोनों मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। नशे का बड़ा नेटवर्क उजागर एनसीबी की इस कार्रवाई से बरेली में नशे के इंजेक्शन की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ है। माना जा रहा है कि यह कारोबार किसी बड़े दवा माफिया के इशारे पर संचालित हो रहा था। हालांकि, अब तक केवल इन दो मेडिकल स्टोर्स की भूमिका सामने आई है, लेकिन इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। औषधि प्रशासन ने थोक विक्रेताओं और स्टोर्स को खरीद और स्टॉक रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। जिनके रिकॉर्ड सही नहीं पाए गए, उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं।
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