हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा : रंजिश में 47 महीने पहले रास्ते में घेरकर मारी थी गोली, एडीजे ने सुनाया फैसला

रंजिश में 47 महीने पहले रास्ते में घेरकर मारी थी गोली, एडीजे ने सुनाया फैसला
UPT | जनपद न्यायालय बरेली

Dec 21, 2024 01:23

बरेली में 47 महीने पहले हुई युवक की हत्या के मामले में एडीजे एचजेएस ने दोषी को उम्रकैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। दोषी को उम्रभर जेल में रहने का आदेश दिया गया।

Dec 21, 2024 01:23

Bareilly News : यूपी के बरेली में हत्या के एक संगीन मामले में अपर सत्र न्यायधीश (एडीजे) एचजेएस तबरेज अहमद ने दोषी पवन को उम्रकैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। उसने 47 महीने पहले गांव के ही एक युवक की हत्या की थी। इस हत्या ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया था। एडीजे ने अपने आदेश में कहा कि दोषी को जिंदगी की अंतिम सांस तक जेल की सलाखों के पीछे रहना होगा। मगर, यह हत्या चुनावी रंजिश में होने की बात सामने आई है। मृतक के भाई ने ग्राम प्रधान पुराण पूरन लाल, उनके भाई अर्जुन और पवन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें प्रधान और अर्जुन के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला, इसलिए दोनों को निर्दोष मानकर रिहा कर दिया गया है। 



रंजिश में रास्ते में घेरकर मारी थी गोली
बरेली देहात के भुता थाना क्षेत्र के खदराह गजनेरा गांव निवासी विनोद कुमार की 20 जनवरी को गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के भाई पुष्पेंद्र ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि छोटा भाई विनोद कुमार बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा भूता गया था। मगर, उसके फोन से कॉल आई कि विनोद कुमार गंभीर हालत में रास्ते में पड़ा है, जिसके चलते तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। इससे परिवार में कोहराम मच गया। शव को लेकर घर आए। इस दौरान विनोद के पेट के नीचे गोली लगी थी। उसका घाव था। यह सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद शव पोस्टमार्टम को भेजा। पोस्टमार्टम में भी गोली लगने के कारण मौत की बात सामने आई।आरोपी पवन ने व्यक्तिगत रंजिश के चलते अपने पड़ोसी विनोद की गोली मार दी थी।

गवाहों की गवाही के बाद सजा
इस मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद मृतक की तरफ से सरकारी अधिवक्ता सचिन कुमार जायसवाल और अभियुक्त की तरफ से नरेंद्र पाल सिंह ने बहस की। इसमें साक्षी (गवाह) के रूप में मृतक के भाई पुष्पेंद्र, संजू कुमार, शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर तौफीक अहमद और चिक लेखक हेड मुहर्रिर कुंवर पाल सिंह ने कोर्ट में पेश होकर गवाही दी। इसके बाद अपराध संख्या 396/2021 की धारा 302 में आजीवन साश्रम कारावास (उम्रकैद) और दो लाख के आर्थिक दंड से दंडित किया गया। यह अर्थदंड न देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास होगा। इसके साथ ही धारा 25 में दो वर्ष की सजा और एक हजार का अर्थदंड लगाया गया है। 

आरोपियों के खिलाफ नामजद दर्ज कराई थी रिपोर्ट 
हत्या के बाद मृतक के परिजनों ने पवन और उसके भाइयों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पवन को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि पवन ने पुरानी रंजिश के चलते इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया। मामले की सुनवाई पिछले 47 महीनों से एडीजे की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष ने घटना से संबंधित मजबूत सबूत और गवाह पेश किए। इसके बाद अदालत ने पवन को दोषी करार दिया। अपर जिला जज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पवन को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसे दो लाख रुपये का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया। यह राशि मृतक के परिवार को दी जाएगी। अदालत ने कहा कि पवन की सजा केवल औपचारिक नहीं होगी, बल्कि वह अपनी जिंदगी की अंतिम सांस तक जेल में रहेगा। मृतक के परिजनों ने फैसले पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने में भले ही समय लगा, लेकिन अब वे राहत महसूस कर रहे हैं। परिवार ने अदालत के फैसले को एक मिसाल बताया।

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