यूपी के बरेली में आईवीएफ तकनीक से संतान सुख की उम्मीद लिए एक महिला की जिंदगी डॉक्टर की लापरवाही से खतरे में पड़ गई।
बरेली में आईवीएफ उपचार में लापरवाही : महिला की किडनियां फेल, डॉक्टर पर गंभीर आरोप
Nov 29, 2024 21:09
Nov 29, 2024 21:09
आईवीएफ उपचार में लापरवाही का आरोप
बदायूं जिले के दातागंज निवासी राघवेंद्र पाल सिंह अपनी पत्नी रश्मि सिंह के इलाज के लिए बरेली के एक निजी क्लिनिक पहुंचे। रश्मि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित थीं और प्राइमरी इनफर्टिलिटी के कारण डॉक्टर ने उन्हें आईवीएफ प्रक्रिया की सलाह दी। बेहतर इलाज की उम्मीद में शुरू हुई इस प्रक्रिया के दौरान कथित चिकित्सा लापरवाही ने उनकी जिंदगी को दर्दनाक मोड़ पर ला दिया। क्लिनिक में इलाज के दौरान हुई त्रुटियों ने रश्मि की हालत गंभीर कर दी, जिससे उनका परिवार सदमे में है। यह मामला चिकित्सा लापरवाही के गंभीर आरोपों की ओर इशारा करता है।
गलत दवाईयां देने का आरोप
पीड़ित ने बताया कि 15 जुलाई को उपचार की शुरुआत हुई। इसमें 'ओवम पिकअप' प्रक्रिया पूरी की गई, लेकिन इलाज के दौरान डॉक्टर की कथित लापरवाही और गलत दवाइयों के चलते रश्मि को ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम (OHSS) जैसी गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा। गलत इलाज के कारण रश्मि की दोनों किडनियां खराब हो गईं।
अब दिल्ली एम्स में भर्ती, हालत गंभीर
रश्मि की हालत गंभीर हो गई, तो 17 जुलाई को उन्हें दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) रेफर किया गया। वहां जांच के बाद डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि रश्मि की किडनियां डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों और गलत इलाज के कारण पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। एम्स के विशेषज्ञों ने तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। हालांकि, परिवार की आर्थिक स्थिति और देरी के कारण यह संभव नहीं हो सका। 19 अगस्त 2024 को एम्स ने रश्मि को डिस्चार्ज कर दिया, और अब उनका इलाज बरेली में डायलिसिस के जरिए चल रहा है। रश्मि के पति राघवेंद्र ने आरोप लगाया कि डॉक्टर की लापरवाही ने उनकी पत्नी की जान को खतरे में डाल दिया है। अब परिवार किडनी ट्रांसप्लांट के लिए संघर्ष कर रहा है।
डॉक्टर पर धमकी का आरोप
राघवेंद्र ने आरोप लगाया कि डॉक्टर से इलाज में हुई गड़बड़ियों पर जवाब मांगा, तो डॉक्टर ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। इसके बजाय, 21 अक्टूबर को राघवेंद्र ने डॉक्टर को कानूनी नोटिस भेजा। नोटिस के जवाब में डॉक्टर ने अपनी किसी भी गलती से इनकार कर दिया और 25 अक्टूबर को राघवेंद्र को केस वापस लेने की धमकी दी। डॉक्टर ने कथित तौर पर परिवार को जान से मारने की भी धमकी दी, अगर उन्होंने इस मामले को आगे बढ़ाया।