बीडीए की चली तो शहरी क्षेत्र में 30 फीट चौड़ी सड़क के दोनों तरफ नए घर-मकान व्यवस्थित रूप से बनेंगे। वहीं जलनिकासी के लिए डेढ़ फीट चौड़ी नाली और बिजली व्यवस्था...
Basti News : शहर में बसेगी व्यवस्थित कॉलोनियां, एक ब्लॉक में तैयार होंगे 8 से 9 प्लॉट, जानें पूरी डिटेल
Aug 22, 2024 15:09
Aug 22, 2024 15:09
रीयल एस्टेट के कारोबारियों को मिलेगा लाभ
जानकारी के मुताबिक, यहां पर बनने वाली सभी घरों के सामने एक जैसा सड़क, एक जैसी नाली और बिजली खंभा होंगे। रियल एस्टेट कारोबारियों को बीडीए एक्ट के तहत जमीनों की ले-आउटिंग कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ले-आउट स्वीकृत होने के बाद बीडीए खुद अपनी वेबसाइट पर इन जमीनों का प्रचार-प्रसार कर बेचवाने में मदद करेगा। इसका सीधा लाभ रीयल एस्टेट के कारोबारियों को मिलेगा।
अलग-अलग डिजाइन में होगी प्लाटिंग
छोटे-बड़े भूखंड की अलग-अलग डिजाइन में प्लाटिंग होगी। क्षेत्रफल के हिसाब से ब्लॉक बनाएं जाएंगे। सभी ब्लॉकों का आपस में जुड़ाव होगा। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक में पहुंचने के लिए चौड़ा रास्ता निकाला जाएगा। संपर्क मार्ग से संबंधित भूखंड तक पहुंचने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क दी जाएगी। जमीन का कुछ अंश पार्क के लिए छोड़ा जाएगा।
आम ग्राहकों को बेच सकता है जमीन
बीडीए का दायरा तो 151 वर्ग किमी में है। मगर, जमीनों की ले-आउटिंग के लिए फिलहाल शहर से दो-तीन किमी के दायरे में प्रयास किया जा रहा है। बीडीए का खुला ऑफर है कि कोई प्राॅपर्टी डीलर या काश्तकार अपने भूखंड की बीडीए एक्ट के तहत ले- आउटिंग कराकर आम ग्राहकों को बेच सकता है। उनका यह भू-खंड बीडीए की वेबसाइट पर नजर आएगा।
बीडीए एक्ट के तहत प्लाटिंग करने पर तमाम सहूलयित भी मिलेगी
बीडीए एक्ट के तहत प्लाटिंग करने पर तमाम सहूलयित भी मिलेगी। रीयल एस्टेट कारोबारी अपने प्लाट पर बोर्ड लगा सकते हैं, जिस पर निर्धारित दर और नंबर तथा प्लाट की साइज तक अंकित रहेगी। खरीदारों को मकान का नक्शा पास कराने में समस्या नहीं आएगी। संबंधित प्लाट का विवरण बीडीए के पास पहले से होगा। मानचित्र के लिए आवेदन पड़ते ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे जमीन कारोबारी और ग्राहक दोनों को मदद मिलेगी।
बीडीए व्यवस्थित कॉलोनी बसाने का चलन शुरू करने के लिए बस्ती राजघराना के भी संपर्क में है। शहर एवं आसपास के क्षेत्र में राज परिवार की बड़े आकार के कई भूखंड खाली पड़े हैं। यदि बात बनी तो इसमें से कुछ भूखंडों पर इस तरह की पहल हो सकती है। इसके अलावा अन्य रीयल एस्टेट कारोबारियों से भी बीडीए का संपर्क जारी है। बीडीए एक्ट के अनुसार प्लाटिंग का चलन अभी शुरू नहीं हो पाया है। जानकार बताते हैं कि पार्क और रास्ते के मद में जमीन का काफी हिस्सा छोड़ना पड़ता है। ऐसे में मकान बनाने के लिए जो टुकड़ा बचता है उसकी लागत बढ़ जाती है। यहां अभी महंगे दर पर जमीन खरीदने वाले ग्राहक नहीं है। इस वजह से बीडीए एक्ट के अनुरूप प्लाटिंग करने से मुकर जा रहे हैं। यही वजह है कि अभी एक भी भूखंड की ले- आउटिंग बीडीए से नहीं हो सकी है।
कारोबारी और ग्राहक दोनों को होगा फायदा
आर्किटेक्ट अनूप पांडेय ने बताया कि बीडीए एक्ट के अनुसार ले-आउट पास कराने की पहल अच्छी है। इससे कारोबारी और आम ग्राहक दोनों को फायदे हैं। ले-आउट पास होने के बाद जमीन खरीदने वाले को नक्शा पास कराने के लिए विकास शुल्क और सब डिवीजन शुल्क नहीं देना होगा। दूसरा यह कि रास्ता, नाली, पार्क की समस्या नहीं रहेगी। लेकिन, ले-आउट पास कराने से पहले लैंडयूज का अड़ंगा ज्यादा आ रहा है। तमाम कृषि योग्य जमीनें हैं इनका लेआउट पास कराने से पहले लैंडयूज बदलवाना जरूरी है। यह प्रक्रिया कठिन है। इसे सरल करना चाहिए।
बीडीए के एक्सईएन ने क्या कहा
बीडीए के एक्सईएन संदीप कुमार ने बताया कि प्राधिकरण की तरफ से शहर के आसपास के क्षेत्रों में व्यवस्थित कॉलोनी बसाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। कोई भी रीयल एस्टेट कारोबारी या काश्तकार अपने भूखंड की ले-आउटिंग करा सकता है। ऐसी पहल करने वालों को बीडीए प्रोत्साहित करेगा। उनकी जमीनों का प्रचार प्रसार बीडीए अपनी वेबसाइट पर भी करेगा।
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