चित्रकूट ग्राम्य जीवन की जटिलताओं के मध्य सुख, दुख, राग, द्वेष, भक्ति आराधना, प्रेम, विरह की प्रस्तुति कैसे की जाती है यह लोकलय के दसवें संस्करण में चित्रकूटधाम के रानीपुर भट्ट स्थित भारत जननी परिसर में 23 मार्च को देखने को मिलेगा।
चित्रकूट में फगुआ के साथ फिजाओं में गूंजेगा लोकगीत : लोक कलाकारों का लगेगा जमघट, 23 मार्च को होगा लोकलय समारोह
Mar 22, 2024 18:32
Mar 22, 2024 18:32
संस्कृति का निवास लोकजीवन की भावना में है
आयोजन के संदर्भ में अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान के निदेशक राष्ट्रदीप ने बताया कि लगभग 15 जिलों के एक सैकड़ों कलाकारों को बुलावा पत्र भेजा गया है। सभी कलाकारों ने अपनी सहमति व्यक्त की है। 23 मार्च की दोपहर कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। संस्थान के संस्थापक गोपाल भाई ने कहा कि लोक संगीत में प्रकृति और संस्कृति का दर्शन है, संस्कृति का निवास लोकजीवन की भावना में है। लगभग एक दशक पूर्व जब लोकसंगीत की भावना की बारीकी से तलाश शुरू की तो देखा कि यही संगीत वास्तविक है। जब संगीत आत्मा से निकलता है तो वह परमात्मा का पता देता है। देखा कि गांव में इकतारा लेकर खेत में बैठा व्यक्ति जिसको यह पता नहीं कि कल भोजन घर में बनेगा या नहीं, लेकिन उसके पास संगीत की शक्ति से चेहरे पर हंसी और स्वभाव में मस्ती दिखाई देती है। अगर अविष्कार की बात करें तो किसान से बड़ा वैज्ञानिक कोेई नही होता। हल, रस्सी के साथ ही उन्होंने आवाज के साथ मेल करने के लिए रमतूला और तुरही जैसे वाद्य यंत्रों को अपने आसपास के समान लौकी, तोरई आदि से बना डाला। इस वर्ष पर्यटन विभाग के द्वारा विशेष सहयोग मिला है। यह जानकारी मीडिया एवं संपर्क प्रमुख विश्वदीप ने दी है।
Also Read
23 Nov 2024 03:14 PM
चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के पाण्डेय का पुरवा गांव में शुक्रवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। जहां, एक महिला ने घरेलू कलह के चलते आत्महत्या कर ली... और पढ़ें