गोंडा जिले के छपिया थाना क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक स्वामी नारायण छपिया मंदिर में इस वर्ष भी अन्नकूट का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। इस विशेष अवसर पर हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। भगवान घनश्याम महाराज को छप्पन भोग...
Gonda News : धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट का त्यौहार, भगवान घनश्याम को लगाया छप्पन भोग...
Nov 02, 2024 17:03
Nov 02, 2024 17:03
पड़ोसी जिलों से भी आए श्रद्धालु
पड़ोसी जनपदों बस्ती, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच से भी लोग इस पूजा में भाग लेने के लिए आए। श्रद्धालु इस पर्व को भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन पूजा से जोड़ते हैं। जब भगवान ने इन्द्र देव के प्रकोप से बचने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाया था। उस समय ब्रजवासी अपने घरों में उपलब्ध सब्जियां लेकर आए थे और मिलकर अन्नकूट की सब्जी तैयार की थी। अन्नकूट की सब्जी बनाने में गोभी, गाजर, कद्दू, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, लौकी, बैंगन, आलू, सिंघाड़ा और जिमीकंद का उपयोग किया जाता है। यदि ये सब्जियां नहीं मिलें, तो मूली और गोभी से भी इस विशेष व्यंजन को तैयार किया जा सकता है।
जानें स्वामी नारायण का इतिहास
स्वामी नारायण छपिया मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है। भगवान स्वामी नारायण का जन्म 1781 में छपिया में घनश्याम पांडे के रूप में हुआ था। उन्होंने 11 वर्ष की आयु में नीलकंठ वर्णी नाम अपनाकर तीर्थ यात्रा शुरू की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई कल्याणकारी कार्य किए। 1799 के आसपास गुजरात में बसने के बाद, उन्हें 1800 में उनके गुरु स्वामी रामानंद द्वारा उद्धव संप्रदाय में शामिल किया गया। 1802 में, गुरु की मृत्यु से पहले उन्होंने स्वामी नारायण संप्रदाय का नेतृत्व अपने शिष्य सहजानंद स्वामी को सौंपा। इस प्रकार स्वामी नारायण का नाम और उनके द्वारा स्थापित उद्धव संप्रदाय की परंपरा आज भी जीवित है। स्वामी नारायण छपिया मंदिर में अन्नकूट पूजा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है।
Also Read
2 Nov 2024 04:57 PM
गोंडा जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र में यशमय स्कूल के पास 35 वर्षीय युवक का नग्न अवस्था में शव मिलने से हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने शव देखकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची नगर कोतवाली और महाराजगंज चौकी की पुलिस... और पढ़ें