विशेषज्ञों की टीम भेड़ियों के हमलों के पैटर्न और वजह को समझने की कोशिश कर रही है। इसी बीच रामुआपुर गांव में आदमखोर भेड़ियों की मांद मिली है। यह मांद गन्ने के घने खेतों के बीच में स्थित …
आखिरकार मिल ही गई आदमखोर की मांद : यहीं से निकलकर फैला रहा इलाके में दहशत, अब पकड़ में आएंगे भेड़िए?
Sep 05, 2024 16:56
Sep 05, 2024 16:56
- आदमखोर भेड़िए की मांद मिली
- 6 फीट गहरी है मांद
- अब तक पकड़ से बाहर हैं भेड़िए
6 फीट गहरी है मांद
रामुआपुर गांव में भेड़ियों की मांद की खोज के लिए एक निजी न्यूज चैनल की टीम ने गन्ने के खेतों के भीतर करीब दो किलोमीटर की दूरी तय की। मांद की गहराई छह फीट है और अब इसमें बाढ़ का पानी भर गया है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस मांद में कभी भेड़ियों का पूरा कुनबा रहता था और यहां भेड़ियों के छोटे बच्चे भी देखे जाते थे। हालांकि, बाढ़ के पानी के भर जाने के बाद से मांद में भेड़ियों का कोई बच्चा नहीं दिखाई दिया है। इस स्थल पर मूंजे की झाड़ियां उग आई हैं, जिन्हें स्थानीय लोग घरों की छत बनाने में उपयोग करते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि बाढ़ के कारण शावकों की मौत हो गई होगी, जिससे भेड़िए अब इंसानों से बदला ले रहे हैं।
अब तक 8 बच्चों की मौत
यूपी वन निगम के महाप्रबंधक संजय पाठक ने बताया कि भेड़ियों की बदला लेने की प्रवृत्ति होती है। अगर भेड़ियों को उनके घर या बच्चों को नुकसान पहुंचता है, तो वे इंसानों से प्रतिशोध लेते हैं। वर्तमान में बहराइच में भेड़ियों के हमले में 8 बच्चों की मौत हो चुकी है। इन हमलों की बढ़ती घटनाओं के कारण स्थानीय लोग और प्रशासन बहुत चिंतित हैं।
कई उपाय कर चुका वन विभाग
आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग कई कोशिशें कर चुका है। इलाके में कई पिंजरे लगाए जा चुके हैं, ड्रोन से निगरानी की जा रही है। पिंजरे में बकरी को चारा बनाकर बैठाया भी गया, लेकिन ये सारी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। अब तक भेड़िए पकड़ से बाहर हैं और उन्हें पकड़ने के लिए कई उपाय किए जा चुके हैं।
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