बहराइच हिंसा मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है, जिससे सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी है। महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसक घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। हरदी थाना के एसओ ने प्रतिमा विसर्जन के दो दिन पहले...
बहराइच हिंसा में बड़ा खुलासा : एसओ की बात मान लेते अफसर तो नहीं होता इतना बड़ा कांड, पढ़ें पूरी खबर...
Oct 22, 2024 10:03
Oct 22, 2024 10:03
पूर्व चेतावनी की अनदेखी
हरदी थाना के तत्कालीन एसओ सुरेश कुमार वर्मा ने विसर्जन से दो दिन पूर्व ही उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग की थी। उन्होंने डेढ़ सेक्शन पीएसी और पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की आवश्यकता जताई थी। परंतु इस महत्वपूर्ण सूचना को नजरअंदाज कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
प्रशासनिक कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने पहले जहां सीओ महसी को निलंबित किया था, वहीं अब सोमवार को एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है और दुर्गाशंकर तिवारी को नया एएसपी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही चौकी इंचार्ज और एसओ को निलंबित कर दिया गया और तहसीलदार को भी हटा दिया गया।
पटरी पर लौटा जनजीवन
महराजगंज कस्बे में अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। सुरक्षा बलों की मौजूदगी में जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। वार से दुकानें खुलने लगी हैं, ग घरों से बाहर निकल रहे हैं। हाईकोर्ट द्वारा ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक से प्रभावित परिवारों को राहत मिली है
प्रभावित क्षेत्र की स्थिति
23 घरों पर अतिक्रमण का नोटिस चस्पा किया गया था, जिनमें से अधिकांश घर अभी भी बंद हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार लोगों में अभी भी भय की स्थिति है। कई परिवार जो भय के कारण पलायन कर गए थे, अब धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं।
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