देवभूमि देवरिया में एक दिलचस्प संयोग हुआ है। जिले के लोग इसे अच्छा अवसर मान रहे हैं और भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। शनिवार को दिव्या मित्तल के जिलाधिकारी बनने के साथ ही पुलिस-प्रशासन से लेकर सदन तक देवरिया की कमान आईआईटीयन के हाथ में आ गई है।
देवरिया में प्रतिभा का संगम : तकनीकी ज्ञान और प्रशासनिक अनुभव से होगा जिले का विकास
Jul 17, 2024 11:25
Jul 17, 2024 11:25
इस प्रतिभाशाली टीम में शामिल हैं - सांसद शशांक मणि त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय और अब नवनियुक्त जिलाधिकारी दिव्या मित्तल। यह संयोग देवरिया के लिए एक सुनहरा अवसर है, जहां तकनीकी ज्ञान और प्रशासनिक कौशल का अनूठा मिश्रण देखने को मिल रहा है।
आईआईटी के हैं पूर्व छात्र
दिव्या मित्तल और शशांक मणि त्रिपाठी, दोनों आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। संकल्प शर्मा ने आईआईटी रुड़की से अपनी इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की है, जबकि प्रत्यूष पांडेय आईआईटी कानपुर के स्नातक हैं। यह विविधता न केवल उनके शैक्षणिक पृष्ठभूमि में है, बल्कि उनके विचारों और कार्य करने के तरीके में भी परिलक्षित होती है।
स्पष्ट और व्यवस्थित सोच
सांसद शशांक मणि त्रिपाठी का मानना है कि आईआईटी की शिक्षा ने उन्हें न केवल एक स्पष्ट और व्यवस्थित सोच प्रदान की है, बल्कि जीवन में प्रतिबद्धता का भाव भी जागृत किया है। वे मानते हैं कि तकनीकी ज्ञान का उपयोग राष्ट्र निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उनका दृढ़ विश्वास है कि आने वाले पांच वर्षों में देवरिया में इस संयोग का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
विकास परियोजनाओं में विशेष रुचि
मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय के कार्य में उनकी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के कारण, वे भवन निरीक्षण और विकास परियोजनाओं में विशेष रुचि लेते हैं। उनकी तकनीकी समझ जिले के विकास कार्यों में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
तार्किक और वैज्ञानिक सोच
पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा की तार्किक और वैज्ञानिक सोच जिले की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मददगार साबित हो रही है। उनके नेतृत्व में, जनता को लंबित मामलों के त्वरित निपटारे की उम्मीद है।
तकनीकी ज्ञान का उपयोग
नवनियुक्त जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, जो फिजिक्स में बी.टेक हैं, अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग जिले के विकास में करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में मीरजापुर में पहाड़ी क्षेत्रों में जल आपूर्ति जैसी चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में अपने इंजीनियरिंग कौशल का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। वे मानती हैं कि फिजिक्स की पढ़ाई ने उन्हें विभिन्न तकनीकी चुनौतियों को समझने और उनका समाधान खोजने में मदद की है।
चार में से तीन एमबीए उपाधिकारक
इस प्रतिभाशाली टीम की एक और रोचक विशेषता यह है कि चार में से तीन अधिकारी एमबीए की उपाधि भी रखते हैं। सांसद शशांक मणि त्रिपाठी आईएमडी लूसान से एमबीए हैं, जबकि दिव्या मित्तल ने आईआईएम बैंगलोर से और प्रत्यूष पांडेय ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया है। यह प्रबंधन कौशल उनके तकनीकी ज्ञान के साथ मिलकर एक शक्तिशाली संयोजन बनाता है।
इस अद्वितीय टीम की उपस्थिति ने देवरिया के लोगों में उत्साह और आशा का संचार किया है। जनता को विश्वास है कि इन प्रतिभाशाली अधिकारियों के नेतृत्व में जिले का तेजी से विकास होगा और प्रशासन में पारदर्शिता आएगी। तकनीकी ज्ञान और प्रशासनिक अनुभव के इस अनूठे मिश्रण से जिले की समस्याओं के नवीन और प्रभावी समाधान निकलने की उम्मीद है।
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