फर्जी डॉक्टर गिरोह का पर्दाफाश : तीन आरोपी गिरफ्तार, लाइसेंस बनवाने के लिए वसूले थे लाखों रुपये

तीन आरोपी गिरफ्तार, लाइसेंस बनवाने के लिए वसूले थे लाखों रुपये
UPT | गोरखपुर में फर्जी डॉक्टर गिरोह का पर्दाफाश करती पुलिस।

Sep 02, 2024 01:09

गोरखपुर जिले में पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो फर्जी डॉक्टर की डिग्री का इस्तेमाल कर पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित कर रहा था। इस गिरोह में डॉक्टर के नाम पर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए लाखों रुपये की वसूली की जाती थी।

Sep 02, 2024 01:09

Gorakhpur News : गोरखपुर जिले में पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो फर्जी डॉक्टर की डिग्री का इस्तेमाल कर पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित कर रहा था। इस गिरोह में डॉक्टर के नाम पर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए लाखों रुपये की वसूली की जाती थी।

मामला तब सामने आया जब मई में डॉ. राहुल नायक नामक एक डॉक्टर ने एसएसपी से मिलकर शिकायत दर्ज कराई कि उनके नाम से फर्जी डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी सेंटर चलाया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी के निर्देश पर गुलरिहा पुलिस ने जांच शुरू की और अंततः महीनों की जांच के बाद तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

आरोपी प्रयागराज और मऊ में पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर स्थापित करने की योजना बना रहे थे 
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में बृजेश लाल शामिल है, जो गाजीपुर जिले के जखनिया में अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर चला रहा था। पुलिस की पूछताछ के दौरान, दो अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए। इसके बाद ओमप्रकाश गौतम और दीपक विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। ये आरोपी प्रयागराज और मऊ में अपने पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर स्थापित करने की योजना बना रहे थे।

डॉक्टरों की डिग्री का अवैध उपयोग के प्रमाण बरामद किए 
पुलिस ने इनके मोबाइल फोन से अन्य डॉक्टरों की डिग्री का अवैध उपयोग, आपसी बातचीत की रिकॉर्डिंग और एक-दूसरे के खाते में पैसे भेजने के प्रमाण बरामद किए हैं। वर्तमान में, वाराणसी के जीवन ज्योति क्लिनिक के नाम से एक और पैथोलॉजी सेंटर का रजिस्ट्रेशन भी इसी प्रकार कराया गया है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। 

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने प्रेस वार्ता में बताया कि गोरखपुर पुलिस स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। डॉ. राहुल नायक की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने बृजेश लाल गुप्ता, ओमप्रकाश गौतम, और दीपक विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है। इनके मोबाइल फोन से कई संदिग्ध सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर पुलिस ने इनके खिलाफ और भी कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

अवैध डेंटल डिप्लोमा बनवाकर बनारस के जाल्हूपुर में एक आदर्श डेंटल और आई क्लिनिक भी संचालित किया था 
जांच के दौरान यह भी पता चला कि ओमप्रकाश गौतम ने अवैध डेंटल डिप्लोमा बनवाकर बनारस के जाल्हूपुर में एक आदर्श डेंटल और आई क्लिनिक भी संचालित किया था। वहीं, सहारा अस्पताल के संचालक दीपक विश्वकर्मा ने 35,000 रुपये लेकर यह लाइसेंस जारी किया था। उसने स्वीकार किया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए किसी डॉक्टर की डिग्री की जरूरत होती है, इसलिए उसने फर्जी डिग्री का धंधा शुरू कर दिया।

एसएसपी ने सभी डॉक्टरों से अपील की है कि वे अपने डिग्री का उपयोग केवल सही प्रक्रिया का पालन करके करें और व्यक्तिगत रूप से संचालक से मिलकर सत्यापन जरूर करें। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले की जांच जारी है, और जो भी लोग इस नेटवर्क में शामिल होंगे, उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाला जाएगा। आगे चलकर इस गैंग पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों को रोका जा सके।  

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