जानकारी के मुताबिक खड्डा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय शिवदत्त छपरा में बृहस्पतिवार को मध्याह्न भोजन में दाल पीट्ठा बना था। जिसे 146 बच्चों ने खाया था। खाना खाने के बाद 30 बच्चों के पेट में दर्द होने पर शिक्षक, अभिभावकों ने उन्हें नेबुआ नौरंगिया सीएचसी में भर्ती कराया।
Kushinagar News : बीएसए ने बीईओ, डीसी एमडीएम और प्रधानाध्यापक से मांगा स्पष्टीकरण, जांच टीम ने की ये कार्रवाई
Feb 24, 2024 20:10
Feb 24, 2024 20:10
- कंपोजिट विद्यालय शिवदत्त छपरा में एमडीएम खाने के बाद 30 बच्चों की तबीयत खराब होने का मामला
- मध्याह्न भोजन में बना था दाल पीट्ठा, डीएम ने दिए थे जांच के आदेश
146 बच्चों ने खाया था दाल पीट्ठा
जानकारी के मुताबिक खड्डा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय शिवदत्त छपरा में बृहस्पतिवार को मध्याह्न भोजन में दाल पीट्ठा बना था। जिसे 146 बच्चों ने खाया था। खाना खाने के बाद 30 बच्चों के पेट में दर्द होने पर शिक्षक, अभिभावकों ने उन्हें नेबुआ नौरंगिया सीएचसी में भर्ती कराया। इसकी जानकारी होते ही डीएम, सीएमओ, सीडीओ और बीएसए भी सीएचसी पहुंचे गए और बच्चों का हाल जाना। आधी रात तक बीएसए सीएचसी में ही रहे।
वहीं देर रात गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दाल पीट्ठा खाने वाले अन्य बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की। बीएसए इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यी टीम गठित की है। इसमें बीईओ सदर सुरेंद्र बहादुर सिंह, बीईओ रामकोला राजेश कुमार और डीसी प्रशिक्षण सत्येंद्र मौर्या शामिल हैं। शुक्रवार को जांच टीम कंपोजिट विद्यालय शिवदत्त छपरा पहुंची और सभी का बयान दर्ज किया। साथ ही बृहस्पतिवार को बनाए गए एमडीएम की जानकारी ली। चार घंटे तक टीम स्कूल में रही। बीएसए ने खड्डा के बीईओ सत्येंद्र पांडेय, डीसी एमडीएम जितेंद्र गौतम और प्रधानाध्यापक संध्या चौबे को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। बीएसए रामजियावन मौर्य ने बताया कि जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है। बीईओ, प्रधानाध्यापक और एमडीएम डीसी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
एमडीएम के मेन्यू में नहीं है दाल पीट्ठा
एमडीएम की ओर से तय किए मेन्यू में बृहस्पतिवार को बच्चों को रोटी सब्जी और दूध देना था, लेकिन, दाल पीट्ठा बनाया गया था। प्रधानाध्यापक संध्या ने बताया कि भोजन बनाते समय रसोई गैस खत्म हो गई तो चूल्हे पर भोजन बना। किचन के बाहर अधजले टायर का उपयोग भोजन बनाने में नहीं किया गया है। कोई बच्चा लाकर फेंका होगा। दूध सही नहीं मिलने के कारण बच्चों को नहीं दिया जाता है।
शौचालय में बंद मिला ताला
स्कूल कैंपस में बच्चों के लिए बने शौचालय का ताला बंद था। पूछने पर बच्चों ने बताया कि शौच या लघुशंका के लिए खुले में जाना पड़ता है। इस पर प्रधानाध्यापक संध्या चौबे ने बताया कि शौचालय रोज खुलता है। इसकी चाबी किसी और के पास है। आनन-फानन में वहां मौजूद एक व्यक्ति से बंद ताले को ईंट से तोड़वाया। फाटक खुला तो शौचालय गंदगी से पटा था। रसोइया, उमरावती, धूपा देवी, गेनिया देवी ने बताया कि बृहस्पतिवार को रोज की तरह भोजन बनाया गया था। धूपा देवी ने बताया कि भोजन बनने के बाद खुद मैंने चखा। भोजन में कोई खराबी नहीं थी। सभी बच्चे भी वही दाल पीट्ठा खाए थे। सिर्फ कुछ ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी। हम लोगों के घर के बच्चे भी भोजन किए थे। लेकिन बीमार नहीं हुए।
खाद्य पदार्थों का लिया नमूना
खाद्य एवं रसद विभाग के सहायक आयुक्त प्रदीप कुमार राय टीम के साथ शुक्रवार को स्कूल पहुंचे। एमडीएम बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसोई घर में रखे गए खाद्य पदार्थों का नमूना लिया। रसोइया और शिक्षकों से बनाए गए दाल पीट्ठा के बारे में भी जानकारी ली। प्रदीप कुमार राय ने बताया कि नमूना जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई होगी। दाल पीट्ठा का भी नमूना भरा जाना चाहिए था, लेकिन दाल पीट्ठा खत्म हो गया था।
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