पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास : महराजगंज में विवाहिता की हत्या के मामले में सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

 महराजगंज में विवाहिता की हत्या के मामले में सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला
UPT | सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

Aug 09, 2024 16:05

महराजगंज में हुई एक विवाहिता की हत्या के मामले में न्यायालय ने पति, सास और ससुर को दोषी करार देते हुए उन्हें सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

Aug 09, 2024 16:05

Maharajganj News : महराजगंज जिले के घुघली थाना क्षेत्र के नंदना खपर धिक्का गांव में 2018 में हुई एक विवाहिता की हत्या के मामले में न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश पीसी कुशवाहा ने इस मामले में पति,सास और ससुर को दोषी करार देते हुए उन्हें सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

महराजगंज के हमीद नगर का निवासी राममिलन ने अपनी बेटी पूनम की शादी 24 नवंबर 2017 को नंदना खपर धिक्का गांव के राजकुमार से की थी। शादी में उसने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दहेज भी दिया था। हालांकि शादी के एक महीने बाद ही पूनम के पति राजकुमार,ससुर मोतीचंद और सौतेली सास सुनीता ने अतिरिक्त दहेज के रूप में 50,000 रुपये और एक मोटरसाइकिल की मांग करनी शुरू कर दी। दहेज की इस मांग को लेकर पूनम को अक्सर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी जाती थी। 

रस्सी से पूनम का गला दबाकर हत्या की 
विवाह के लगभग छह महीने बाद 2 जून 2018 को राजकुमार ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर पूनम को मारपीट कर घर से निकाल दिया। बेचारी पूनम अपने पिता के घर महराजगंज पहुंची जहां उसने अपनी व्यथा सुनाई। अगले ही दिन 3 जून 2018 को राजकुमार अपने ससुराल आया और पूनम को फिर से अपने साथ घर ले गया, लेकिन इस बार पूनम की किस्मत में कुछ और ही लिखा था। राजकुमार ने अपनी सौतेली मां सुनीता और पिता मोतीचंद के साथ मिलकर पूनम का गला रस्सी से कसकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। मामले की सुनवाई के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने अभिलेखीय साक्ष्य और गवाहों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने अभियुक्तों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की। न्यायालय ने सभी साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए पति राजकुमार,सास सुनीता और ससुर मोतीचंद को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। 

मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत करने का मामला
इसके अलावा न्यायालय ने मुकदमे में मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत करने के आरोप में मृतका के पिता राममिलन, माता निर्मला और भाई दिलीप कुमार के विरुद्ध भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। 

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