गीडा में मेंटेनेंस शुल्क बढ़ा : अब 10 साल तक विस्तारण शुल्क देकर सुरक्षित रख सकेंगे भूखंड, जानें प्रशासन ने और क्या लिया निर्णय 

अब 10 साल तक विस्तारण शुल्क देकर सुरक्षित रख सकेंगे भूखंड, जानें प्रशासन ने और क्या लिया निर्णय 
UPT | गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण।

Mar 30, 2024 14:54

गीडा में अभी तक उद्यमियों को 11 रुपये प्रति वर्ग मीटर मेंटेनेंस शुल्क देना होता था। अब प्रभावी निर्णय के बाद उद्यमियों को 12 रुपये वर्ग मीटर की दर से मेंटेनेंस शुल्क देना होगा। नए लागू दरों के बाद उद्यमियों को 1000 से लेकर एक लाख रुपये तक मेंटेनेंस शुल्क देना होगा।

Mar 30, 2024 14:54

Gorakhpur News : गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) प्रशासन ने मेंटेनेंस शुल्क में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। वहीं गीडा प्रशासन ने आवंटन निरस्त करने की जो प्रक्रिया पांच साल में शुरू करता था उसे अब दस वर्ष कर दिया है। अब उद्यमी 10वें साल तक समय विस्तारण शुल्क जमाकर उद्योग लगा सकेंगे। गीडा प्रशासन ने इन निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। 

पहले 11 रुपये प्रति वर्ग मीटर था मेंटनेंस शुल्क
गीडा में अभी तक उद्यमियों को 11 रुपये प्रति वर्ग मीटर मेंटेनेंस शुल्क देना होता था। अब प्रभावी निर्णय के बाद उद्यमियों को 12 रुपये वर्ग मीटर की दर से मेंटेनेंस शुल्क देना होगा। नए लागू दरों के बाद उद्यमियों को 1000 से लेकर एक लाख रुपये तक मेंटेनेंस शुल्क देना होगा। हालांकि 50 एकड़ से अधिक एरिया में लगे यूनिट के लिए मेंटेनेंस शुल्क के लिए अलग मानक हैं। आवासीय भूखंड के लिए अब 24 रुपये वर्ग मीटर और व्यावसायिक भूखंड के लिए 36 रुपये वर्ग मीटर मेंटेनेंस शुल्क देना होगा।

इसी तरह अभी तक औद्योगिक भूखंड के आवंटन के पांच साल बाद आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी। जिसके बाद उद्यमियों को शुल्क जमाकर भूखंड के रद्द होने से बचाना होता था। नये निर्णय के बाद भूखंड आवंटन के 10 साल तक उद्यमी को समय विस्तारण शुल्क जमाकर भूखंड को बचाने की सहूलियत होगी। अब उद्यमियों को दसवें साल में 8 फीसदी समय विस्तारण शुल्क जमाकर भूखंड को रद्द होने से बचाने की सहूलियत होगी। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएन सिंह का कहना है कि गीडा प्रशासन को मेंटेनेंस शुल्क बढ़ाने से पहले उद्यमियों को भी विश्वास में लेना चाहिए था। हालांकि समय विस्तारण शुल्क की समय सीमा पांच साल से बढ़ाकर दस साल करना स्वागत भरा कदम है।

गीडा प्रशासन ने निर्णय लिया है कि आवासीय भूखंडों का आवंटन अब मैनुअल लाटरी के माध्यम से नहीं होगा। सीईओ गीडा अनुज मलिक ने बताया कि गीडा बोर्ड के निर्णय के क्रम में आवासीय भूखंड का आवंटन ई-लाटरी के माध्यम से होगा। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
 

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