गोरखपुर के गीडा थाना क्षेत्र के देईपार गांव निवासी 30 वर्षीय युवा कांग्रेस नेता प्रभात पांडेय की लखनऊ में विधानसभा घेराव के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हुई। यह घटना राजनीतिक प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष के दौरान हुई। प्रभात पांडेय का शव आज उनके पैतृक आवास गोरखपुर पहुंचा, जहां क्षेत्रीय लोगों का हुजूम एकत्र हो गया।
प्रभात पांडेय का पार्थिव शरीर गोरखपुर पहुंचा : स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, लखनऊ में हुआ था प्रदर्शन के दौरान हादसा

Dec 19, 2024 12:39
Dec 19, 2024 12:39
संघर्षशील युवा नेता थे प्रभात पांडेय
प्रभात पांडेय गोरखपुर जिले के देईपार गांव के रहने वाले थे। वे पिछले डेढ़ साल से लखनऊ में रह रहे थे, जहां उन्होंने युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। वह कांग्रेस पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता थे और अपने गांव से लखनऊ तक अपनी राजनीतिक सक्रियता के कारण पहचाने जाते थे। हालांकि, वह अपने पिता दीपक पांडेय के अकेले पुत्र थे और उनका परिवार अब इस दुःखद घटना से गहरे शोक में डूबा हुआ है।
लखनऊ में विधानसभा घेराव के दौरान हुई मौत
कांग्रेस पार्टी द्वारा 18 दिसंबर को आयोजित विधानसभा घेराव के दौरान जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन का उद्देश्य उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज उठाना था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी, लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस की बैरिकेडिंग को लांघते हुए आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान प्रभात पांडेय गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी मौत सिर में चोट लगने के कारण हुई। उनके चाचा, मनीष पांडेय ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है और कांग्रेस पार्टी ने पुलिस पर बल प्रयोग का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने पुलिस पर बल प्रयोग का आरोप लगाया
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और पार्टी के अन्य नेता भी इस घटना के बाद शोक में डूबे हुए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग किया। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने किसी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को केवल रोकने के प्रयास किए गए थे।
घटनाक्रम के बाद अस्पताल में प्रभात पांडेय की मौत
घटनास्थल पर ही प्रभात पांडेय की तबियत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत के बाद से कांग्रेस पार्टी और उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। कांग्रेस ने इस मामले को राजनीतिक हत्या मानते हुए आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की जान की कोई कीमत नहीं रही है।
गोरखपुर लौटने के बाद कांग्रेस नेताओं का गुस्सा
प्रभात पांडेय की मौत के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदेश मुख्यालय लौटे और पार्टी के लिए इस घटना को अत्यंत दुखद बताया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अनुचित कार्रवाई की। उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करें।
अंतिम संस्कार करने के लिए लोग एकत्र हुए
आज जब प्रभात पांडेय का शव गोरखपुर पहुंचा, तो उनका अंतिम संस्कार करने के लिए लोग उनके घर पर एकत्र हुए। उनकी मौत से परिवार, दोस्त और कांग्रेस कार्यकर्ता गहरे शोक में हैं। प्रभात पांडेय की अचानक हुई मौत ने उनके परिवार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गहरे शोक में डुबो दिया है।
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