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Uttar Pradesh Ground Breaking Ceremony : विकास की नई इबारत लिख रहा गोरखपुर, 2023 में 72 हजार करोड़ का मिला निवेश

विकास की नई इबारत लिख रहा गोरखपुर, 2023 में 72 हजार करोड़ का मिला निवेश
UPT | विकास की नई इबारत लिख रहा गोरखपुर

Feb 14, 2024 18:47

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 के तहत गोरखपुर को करीब 72 हजार करोड़ रुपये के 324 निवेश प्रस्ताव मिले हैं। गोरखपुर में शैक्षणिक संस्थानों का एक नेटवर्क विकसित हो गया है, जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान, मेडिकल कॉलेज और महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं।

Feb 14, 2024 18:47

Short Highlights
  • गोरखपुर को मिला 72 हजार करोड़ का निवेश
  • धर्म और अध्यात्म का गढ़ है शहर
  • हस्तकला में शीर्ष पर गोरखपुर
Gorakhpur News : गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) गोरखपुर का औद्योगिक क्षेत्र है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के पूर्ण और नियोजित विकास के लिए राज्य सरकार ने 30 नवंबर 1989 को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम-1976 के तहत गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की स्थापना की थी। इसकी विकास योजना के तहत इसका कुल क्षेत्रफल 13,135 एकड़ है। मौजूदा मास्टर प्लान में 32 सेक्टर हैं। यह आईजीएल, पारले और एआरपी सहित कई बड़े कारखानों के साथ-साथ पावरलूम, प्लाईवुड और जूट मिल के लिए जाना जाता है। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में एकमात्र जूट मिल यहीं है।

गोरखपुर को मिला 72 हजार करोड़ का निवेश
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 के तहत गोरखपुर को करीब 72 हजार करोड़ रुपये के 324 निवेश प्रस्ताव मिले हैं। ग्रीन अमोनिया का प्लांट लगाने के लिए सर्वाधिक 22,500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला। जीआईएस-2023 के तहत गोरखपुर को 64,500 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य मिला था। टेक्सटाइल सेक्टर, ऊर्जा क्षेत्र, मेडिकल क्षेत्र और ढांचागत विकास के क्षेत्रों में बड़े निवेश प्रस्ताव मिले हैं।

धर्म और अध्यात्म का गढ़ है शहर
भारत की नाथ संस्कृति की परिणति राप्ती नदी के तट पर हुई, जहां गुरु गोरक्षनाथ ने निवास किया, ध्यान किया और अपना पार्थिव शरीर छोड़ा। उन्हीं के नाम पर इस क्षेत्र का नाम गोरखपुर रखा गया। अपने अनुयायियों के लिए वह एक उद्धारकर्ता और भगवान थे। भक्तों का मानना है कि गुरु गोरक्षनाथ भगवान शिव के अवतार थे। इससे पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक पहचान मिली है। गोरखपुर आज गोरखनाथ मंदिर की भव्य वास्तुकला और इमामबाड़े में रखे सोने-चांदी के ताजिये के लिए जाना जाता है।

हस्तकला में शीर्ष पर गोरखपुर
गोरखपुर की हस्तकला विशेष उल्लेख की पात्र है। भटहट के पास औरंगाबाद नामक एक छोटा सा गांव बहुमुखी कारीगरों ने बसाया है, जो निर्यात गुणवत्ता वाले टेराकोटा खिलौने बनाते हैं। इन अज्ञात हाथों ने गोरखपुर शहर के लिए दुनिया भर में प्रशंसा अर्जित की है और राष्ट्रपति पुरस्कार भी प्राप्त किया है।

बढ़ रहे हैं शिक्षण संस्थान
गोरखपुर में शैक्षणिक संस्थानों का एक नेटवर्क विकसित हो गया है, जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान, मेडिकल कॉलेज और महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं। नई आवासीय कॉलोनियां विकसित हुई हैं और शहरी आबादी में काफी वृद्धि हुई है। हालांकि, इस क्षेत्र को और विकास की आवश्यकता है। टाउन हॉल में नगर निगम का कार्यालय, ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन केंद्र का सर्विस स्टेशन है। होटल और पर्यटक एजेंसियों की एक शृंखला तेजी से उभर रही है।

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