झांसी में एरिया मैनेजर ने की खुदकुशी : टारगेट पूरा न होने पर अफसर कर रहे थे परेशान, सुसाइट नोट में लिखा-कलेक्शन के कर्मचारी भी इंसान हैं, भगवान नहीं

टारगेट पूरा न होने पर अफसर कर रहे थे परेशान, सुसाइट नोट में लिखा-कलेक्शन के कर्मचारी भी इंसान हैं, भगवान नहीं
फ़ाइल फोटो | तरुण सक्सेना।

Sep 29, 2024 22:56

रविवार छुट्टी होने के बावजूद ऑनलाइन मीटिंग में टारगेट पूरा न करने पर धमकाया। इससे आहत होकर मैनेजर ने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

Sep 29, 2024 22:56

Jhansi News : यूपी के झांसी से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जिले के गुमनावारा के रहने वाले फाइनेंस कंपनी के एरिया मैनेजर ने आत्महत्या कर ली है। उनके ऊपर टारगेट पूरा करने का दबाव था। अधिकारी टारगेट पूरा न करने की दशा में लगातार उन्हें नौकरी से हटा देने की धमकी दे रहे थे। 

रविवार छुट्टी होने के बावजूद ऑनलाइन मीटिंग में टारगेट पूरा न करने पर धमकाया। इससे आहत होकर मैनेजर ने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। मैनेजर ने 5 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि हम कलेक्शन के कर्मचारी भी इंसान हैं, भगवान नहीं। तरुण ने कंपनी के 2 अधिकारियों का नाम भी लिखा है।

क्या है पूरा मामला 
नवाबाद थाना क्षेत्र के महाराणा प्रताप नगर गुमनावारा के रहने वाले तरुण सक्सेना (34 वर्ष) पुत्र कृष्ण बिहारी सक्सेना बजाज फाइनेंस कंपनी के एरिया मैनेजर थे। तरुण पर जिले व उससे सटे क्षेत्रों में ऋण वसूली की जिम्मेदारी थी। तरुण के जिम्मे तालबेहट, मोंठ, बड़ागांव आदि इलाकों से ऋण वसूली का जिम्मा था। किसानों ने फसल के लिए लोन लिए थे, लेकिन बारिश होने से किसानों की फसल तबाह हो गई। इस वजह से किसान लोन की किश्त जमा नहीं कर रहे थे। इस बीच कंपनी ने तरुण के टारगेट में कोई कमी नहीं की। टारगेट पूरा करने के लिए कंपनी के अधिकारी लगातार तरुण पर दबाव बना रहे थे। ईएमआई जमा करवाने का दबाव इस कदर था कि पिछले 3 माह से तरुण तालबेहट और मोंठ में रहने लगे थे।

टारगेट पूरा न होने पर अफसर करते थे अभद्रता 
तरुण के छोटे भाई गौरव सक्सेना ने बताया कि तरुण ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि टारगेट पूरा न होने पर कंपनी के अधिकारी गाली-गलौज करते थे। नौकरी से हटाने का भी अल्टीमेटम दे दिया था। इन सब वजहों से वह अत्यधिक तनाव में थे। शनिवार रात उन्होंने खाना भी नहीं खाया। गौरव ने बताया कि टारगेट पूरा करने के लिए भैया अपने पास से पैसा लगाकर उसको पूरा कर रहे थे। पिछले दो माह से मैंने भी पैसे दिए हैं। लेकिन, हर माह ऐसी स्थिति होने लगी थी। रविवार को छुट्‌टी होती है। लेकिन कंपनी के अफसरों ने सुबह 6 बजे ही मीटिंग कर ली। मीटिंग में भाई को फिर से धमकाया गया। इससे वह परेशान हो गए। कमरा बंद करके उन्होंने दुपट़्टे से फांसी लगा ली। लेकिन फंदा अचानक खुल गया। इससे वह नीचे गिर गए। जब नौकरानी घर पर आई तो कमरा अंदर से बंद था। इस पर परिजन भी पहुंच गए। किसी तरह दरवाजा खोला गया तो भाई जमीन पर बेसुध पड़े थे। मेडिकल कॉलेज ले जाने पर उनको मृत घोषित कर दिया गया। 

क्या लिखा है सुसाइट नोट में 
“वैभव सर और प्रभाकर सर, पूरे महीने आप लोगों ने बहुत दबाव बनाया। मैंने भी बहुत मेहनत से काम किया। लेकिन, सभी लोकेशन में हालात पहले से खराब थे और इस महीने बारिश से स्थिति और खराब हो गई। फिर भी दिए हुए टारगेट के लिए पूरा प्रयास किया। लेकिन, 23 सितंबर 2024 को मोबाइल लॉक नहीं हुए। ग्राहकों के पास ईएमआई के लिए जाने पर पता चला कि मोबाइल लॉक नहीं हुए हैं। आप दोनों ने भी इसके बारे में नहीं बताया। मोबाइल लॉक न होने पर ईएमआई नहीं आ रही है। इस माह भी टारगेट पूरा होता नहीं दिख रहा है। लेकिन, आप लोगों को और कंपनी को हर हाल में पूरा चाहिए। टारगेट न होने पर पूर्व के दो महीनों में मेरे साथ जो बर्ताव किया गया, इस बार इससे भी अधिक बुरा होगा, जोकि निश्चित है। जिसके लिए मैं मानसिक रूप से तैयार नहीं हूं। कंपनी से अनुरोध है कि कोई भी नियम कर्मचारियों को ध्यान में रखकर बनाए, न कि सिर्फ सेल्फ के लिए। हम कलेक्शन के कर्मचारी भी इंसान है, भगवान नहीं, जिनके लिए सबकुछ संभव हो।”

परिजन सदमें में
तरुण की मौत के बाद पत्नी मेघा का रो रोकर बुरा हाल है। तरुण के दो बच्चे 13 साल का यथार्थ और 11 साल की अराध्या है। दोनों बच्चे पढ़ते हैं। तीन भाइयों में तरुण दूसरे नंबर का था। तीनों भाई अलग-अलग रहते हैं। पिता श्रीकृष्ण गोविंद सक्सेना मेडिकल कॉलेज से सीनियर क्लर्क के पद से रिटायर हैं।

सुसाइड नोट में दो अधिकारियों के नाम लिखे
सुसाइड की सूचना पाकर नवाबाद प्रभारी जितेंद्र सिंह भी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पंचनामे के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक परिजनों ने पांच पेज का सुसाइड नोट बरामद किया है। मामले की छानबीन कराई जा रही है। सुसाइड नोट में तरुण ने अपनी मौत के लिए कंपनी के दो अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। एरिया मैनेजर वैभव सक्सेना और दूसरे नेशनल मैनेजर प्रभाकर सक्सेना पर टारगेट का दबाव बनाने की बात लिखी है। अभी शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर केस दर्ज किया जाएगा।

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