झांसी में फैले दिमागी बुखार ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। शहर के मेडिकल कॉलेज में दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर इलाज न कराने पर यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
Jul 28, 2024 10:39
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Jhansi News : झांसी में दिमागी बुखार तेजी से फैल रहा है। न केवल वयस्क बल्कि बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी, बाल रोग और मेडिसिन विभागों में दिमागी बुखार के करीब 15 रोगियों का इलाज चल रहा है।
बुखार और डायरिया के मरीजों में वृद्धि
बाल रोग और मेडिसिन विभागों की ओपीडी में बुखार और डायरिया के मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कई मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इमरजेंसी में भी बुखार के मरीजों का तांता लगा हुआ है।
दिमागी बुखार के लक्षण
दिमागी बुखार के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन का अकड़ना, धुंधला दिखाई देना और बेहोशी शामिल हैं। यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
विशेषज्ञों का कहना
मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद कनकने ने बताया कि दिमागी बुखार वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण के कारण होता है। समय रहते इलाज न कराने पर यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चंदेल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में रोजाना 50 से अधिक बुखार के मरीज आ रहे हैं, जिनमें से कुछ दिमागी बुखार से पीड़ित हैं।
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओमशंकर चौरसिया ने बताया कि बच्चों में दिमागी बुखार के लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है। यदि बच्चे को बुखार के साथ उल्टी हो रही है या वह असंतुलित हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
डायरिया के मरीज
मेडिकल कॉलेज में डायरिया के मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। मेडिसिन और बाल रोग विभागों में रोजाना औसतन 70 से 80 डायरिया के मरीज आ रहे हैं।