8 फरवरी को चिह्नित जमीनों के बैनामों की प्रक्रिया शुरू हुई थी। शुरुआत ग्राम सारमऊ से हुई थी, जबकि अब अंबावाय, ढिकौली, किल्चवारा खुर्द, रमपुरा, गुढ़ा, राजापुर, गेवरा व ग्राम बैदोरा की जमीनों के बैनामे भी किए जाने लगे हैं।
बदलता उत्तर प्रदेश : झांसी में नोएडा जैसा शहर बसाने के लिए एक कदम और बढ़ा, 250 हेक्टेअर जमीन बीडा को मिली
Mar 25, 2024 18:55
Mar 25, 2024 18:55
8 फरवरी को शुरू हुई थी बैनामों की प्रक्रिया
8 फरवरी को चिह्नित जमीनों के बैनामों की प्रक्रिया शुरू हुई थी। शुरुआत ग्राम सारमऊ से हुई थी, जबकि अब अंबावाय, ढिकौली, किल्चवारा खुर्द, रमपुरा, गुढ़ा, राजापुर, गेवरा व ग्राम बैदोरा की जमीनों के बैनामे भी किए जाने लगे हैं। अब तक 370 बैनामे किए जा चुके हैं, जिनके जरिये 250 हेक्टेअर जमीन बीडा के नाम दर्ज की जा चुकी है।
निबंधन विभाग को 34 करोड़ रुपये का राजस्व मिला
सब रजिस्ट्रार सुभाष चंद्र ने बताया कि अब तक हुए बैनामों से निबंधन विभाग को 34 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है। बैनामे तेजी से जारी हैं। जल्द अन्य चिह्नित गांवों की जमीनों के भी बैनामे शुरू कर दिए जाएंगे।
258 हेक्टेअर सरकारी जमीन भी बीडा के नाम हुई
बीडा के लिए एक ओर जहां ग्रामीणों से उनकी जमीनों के बैनामे कराए जा रहे हैं, वहीं गांवों की सरकारी जमीनों को भी तेजी से बीडा के नाम दर्ज किया जा रहा है। अब तक ग्राम गुढ़ा, खजराहा बुजुर्ग, ढिकौली, रमपुरा, सारमऊ, मठ व ग्राम वसाई की 258.219 हेक्टेअर जमीन बीडा के नाम दर्ज की जा चुकी है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वरुण कुमार पांडेय ने बताया कि बीडा के लिए निर्बाध रूप से बैनामों की प्रक्रिया जारी है। अब तक नौ गांवों की जमीनें ली जाने लगी हैं। जल्द ही बीडा के लिए चिह्नित अन्य गांवों की जमीनों के भी बैनामे शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए कार्रवाई की जारी है।
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