झांसी में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने महाकुंभ को लेकर विपक्ष के बयानों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने महाकुंभ को आस्था और समर्पण का प्रतीक बताते हुए विपक्ष की आलोचना को करोड़ों श्रद्धालुओं का अपमान करार दिया।
उमा भारती का विपक्ष पर तीखा हमला : महाकुंभ को लेकर बयानबाजी करोड़ों की आस्था का अपमान
Jan 13, 2025 07:41
Jan 13, 2025 07:41
उमा भारती ने महाकुंभ को “अमृत की बेला” करार देते हुए कहा कि लोग भगवान की भक्ति का अमृत प्राप्त करने के लिए महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं। झांसी में पानी वाली धर्मशाला के पास स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उमा भारती ट्रेन से महाकुंभ के लिए रवाना हो गईं। इस दौरान उनके साथ झांसी सदर विधायक राजीव पारीछा भी मौजूद थे।
डुबकी लगाने वालों के आगे राहुल-अखिलेश टिक नहीं सकते
महाकुंभ में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किए जाने पर पूछे गए सवाल पर उमा भारती ने कहा, “महाकुंभ में करोड़ों लोग बिना किसी आमंत्रण के आस्था के साथ स्नान करने आते हैं। जो लोग संगम में डुबकी लगाते हैं, वे इतने बड़े लोग हैं कि उनके आगे राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेता कुछ भी नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आस्था रखने वाले श्रद्धालु कड़ाके की ठंड में कई किलोमीटर लंबी लाइन में लगकर स्नान करने आते हैं। यह आस्था और समर्पण का प्रतीक है, जिसे विपक्ष को समझना चाहिए।
प्रधानमंत्री की योजनाओं की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं की तारीफ करते हुए उमा भारती ने कहा कि “जनधन योजना, उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं का मकसद समाज को समर्थवान बनाना है। मोदी जी ने हर वर्ग के कल्याण के लिए कदम उठाए हैं।”
केजरीवाल पर तीखा प्रहार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए उमा भारती ने कहा, “केजरीवाल जिस कोख (अन्ना आंदोलन) से निकले, उसे ही अपमानित कर दिया। एक समय वह कहते थे कि वे लाल बत्ती नहीं लेंगे और एक कमरे के मकान में रहेंगे। लेकिन आज सब कुछ जनता के सामने है।”
कार सेवकों पर गोलियां चलाने वालों पर टिप्पणी
उमा भारती ने विपक्ष के उन नेताओं पर भी निशाना साधा, जिन्होंने अतीत में राम मंदिर आंदोलन के दौरान कार सेवकों पर गोलियां चलवाई थीं। उन्होंने कहा, “जिन्होंने कार सेवकों की हत्याएं की, ऐसे लोगों के बारे में बस यही कहा जा सकता है कि ऐसे लोग भी संसार में होते हैं। लेकिन ये लोग सृष्टि का संतुलन बिगाड़ने में सक्षम नहीं हैं।”
महाकुंभ: आस्था और समर्पण का प्रतीक
महाकुंभ को लेकर उमा भारती ने इसे भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे बड़ा आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में शामिल होना हर भक्त के लिए गर्व की बात है। विपक्ष को समझना चाहिए कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समागम का प्रतीक है।
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