वक्फ संसोधन विधेयक के बहाने अखिलेश ने चला सियासी दांव : पिता मुलायम के नक्शे कदम पर चले, यूपी में मुस्लिम वोटरों के बीच मजबूत पकड़

पिता मुलायम के नक्शे कदम पर चले, यूपी में मुस्लिम वोटरों के बीच मजबूत पकड़
UPT | अखिलेश यादव

Aug 10, 2024 01:31

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खुलकर वक्फ संसोधन विधेयक का खुलकर विरोध कर रहे हैं। अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। बिल के विरोध के जरिए यूपी में मुस्लिम वोट बैंक को भी साधने का काम कर रहे हैं। 

Aug 10, 2024 01:31

UP News: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव दिल्ली की सियासत में विरोधियों को पटखनी देने में जुटे हैं। लेकिन उनका फोकस उत्तर प्रदेश के समीकरण को साधने पर भी है। लोकसभा चुनाव में 37 सींटे जीतकर सपा देश की तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। सपा मुखिया मुस्लिम वोटरों को लेकर किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। एनडीए सरकार वक्फ एक्ट में बदलाव का विधेयक लेकर आई है। इस विधेयक को लेकर सदन में अखिलेश ने जिस तरह के तेवर दिखाए हैं। मुस्लमानों से जुड़े किसी मुद्दे पर पहली बार देखने को मिले हैं।

अखिलेश यादव ने वक्फ संसोधन विधेयक का सिर्फ विरोध ही नहीं किया बल्कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने और जिलाधिकारी को पावर देने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सरकार विधेयक के जरिए मुसलमानों के मामलों में हस्ताक्षेप करना चाहती है। मुस्लिमों से जुड़े मुद्दे पर अखिलेश यादव पिता मुलायम सिंह यादव के तरह खुलकर स्टैंड लेते नजर आए। वक्फ बोर्ड के जरिए अखिलेश यादव ने बड़ा सियासी दांव चला है।

एम-वाई फैक्टर
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने इसी तेवर के दम पर मुस्लिम सियासत के जरिए मुसलमानों के बीच मजबूत पकड़ बनाई थी। सीएम रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवा दी थी। इस घटना के बाद उन्हें मुल्ला-मुलायम कहा जाने लगा था। मुलायम सिंह ने जनता दल से अलग होकर 90 के दशक में समाजवादी पार्टी का गठन किया था। इसके बाद उनके सियासी आधार मुस्लिम और यादव बने थे। एमवाई फैक्टर के चलते मुलायम सिंह यादव तीन बार यूपी के सीएम बने।

मुसलमानों को लेकर पहली बार खुलकर आए सामने
सपा मुखिया अखिलेश यादव को विरासत में सियासत मिली है। लेकिन वह अपनी क्षवि मुलायम सिंह से अलग बनाने में जुटे थे। इसके चलते अखिलेश यादव मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों पर मुखर होते रहे हैं, लेकिन बहुत ज्यादा मुखर नहीं हुए हैं। उन्होंने सपा के कद्दावर नेता आजम खान को लेकर भी खुलकर स्टैंड नहीं लिया है। अखिलेश यादव कभी भी मुस्लिमों के मुद्दों पर खुलकर सामने नहीं आए हैं। वक्फ बिल को लेकर अखिलेश यादव ने पहली बार खुलकर मुस्लिमों के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं।

यूपी के मुस्लिमों ने दिया सपा का साथ
विधानसभा चुनाव 2022 और लोकसभा चुनाव 2024 में मुसलमानों का 85 फीसदी वोट सपा को मिला है। जिसकी वजह से विधानसभा में उनकी ताकत बढ़ी और लोकसभा में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। यूपी की सियासत पर नजर डाली जाए, तो किसी भी दल को इतनी बड़ी मात्रा में मुस्लिमों का वोट नहीं मिला है। ऐसे में मोदी सरकार वक्फ बोर्ड में बदलाव के लिए कदम उठा रही है। अखिलेश अपने पिता मुलायम सिंह के सियासी नक्शे कदम पर चल रहे हैं।

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