कानपुर के शिवराजपुर क्षेत्र में सरकारी योजना के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है।जिसमें मुख्यमंत्री आवास के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री आवास उन लोगों को मिले हैं जो इसके पात्र ही नहीं है। 26 में से 15 अपात्रों को मुख्यमंत्री आवास आवंटित कर दिया गया है।
Kanpur News : मुख्यमंत्री आवास आवंटन को लेकर हुआ बड़ा खुलासा,आप भी जानें क्या है पूरा मामला.....
Dec 07, 2024 22:41
Dec 07, 2024 22:41
Kanpur News : कानपुर के शिवराजपुर क्षेत्र में सरकारी योजना के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है।जिसमें मुख्यमंत्री आवास के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री आवास उन लोगों को मिले हैं जो इसके पात्र ही नहीं है। 26 में से 15 अपात्रों को मुख्यमंत्री आवास आवंटित कर दिया गया है। जिसके बाद इस मामले को लेकर कुछ लोगों ने कानपुर विकास भवन पहुंचकर शिकायत की थी ।शिकायत के बाद सीडीओ दीक्षा जैन ने जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद जांच के दौरान सारा सच सामने आ गया और सीडीओ ने इस मामले को लेकर ग्राम विकास अधिकारी से जवाब तलब किया है।
मुख्यमंत्री आवास को लेकर हुआ फर्जीवाड़ा
बता दें कि वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्की छत दी जानी थी।नवादा मघई गांव में मुख्यमंत्री आवास का आवंटन होना था। वही मुख्यमंत्री आवास के आवंटन को लेकर उन लोगों ने भी आवेदन किया जो लोग इसके पात्र ही नहीं थे।अपात्रों ने अधिकारियों और कर्मचारियों से मिली भगत कर आवास का आवंटन भी करा लिया। जिनके पक्के घर, दो पहिया वाहन और लाखों रुपए किसान क्रेडिट था उनको भी मकान दे दिया गया। इसके बाद मामले को लेकर कुछ ग्रामीणों ने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की और शिकायत के बाद सीडीओ ने इस मामले पर जांच के आदेश दिए। वरिष्ठ अधिकारियों के जांच में जो दो लोग अपात्र पाए गए थे। उन्हें भी पात्र बता दिया गया।
नवादा मधई निवासी जितेंद्र राजपूत ने आवेदन किया था। ग्राम विकास अधिकारी मनोज वर्मा ने उन्हें पात्र करार दे दिया। जितेंद्र की शिकायत पर तत्कालीन परियोजना अधिकारी के के सिंह ने पांच आवासों की जांच की थी। रचना और शिववती अपात्र पाए गए। 10 लाभार्थियों की जांच खंड विकास अधिकारी आशीष मिश्रा ने की चार अपात्र मिले। रचना और शिववती को पात्र करार दे दिया गया। जांच में राजेश कुमार, रचना, शिववती,वंदना और विमल के पति के नाम से बाइक का पंजीयन पाया गया। एक ने बाइक बेच दी।
26 में से 15 लाभार्थी मिले अपात्र
परियोजना अधिकारी प्रदीप नारायण से मामले को समझने के बाद सीडीओ ने सभी 26 लाभार्थियों की जांच के निर्देश दिए।वीडियो ने दोबारा जांच की तो 26 में 15 लाभार्थी अपात्र मिले इनमें वह लाभार्थी भी अपात्र हो गए जो पहले जांच में पात्र पाए गए थे।विजय कुमार निर्मला सिंह और भूरी देवी के पास किसान क्रेडिट 50 हजार से अधिक का पाया गया इन्हें पात्र करार दिया गया।
मुख्यमंत्री आवास में हो रहा है पशुपालन
मुख्यमंत्री आवास के लाभ लेने वाले लाभार्थी मोहनलाल और आरती के पास गांव में पक्का घर है। जिनमें उनका परिवार रहता है। सरकार से जो आवास दोनों ने लिया उसमें पशुपालन कर रहे हैं।सन्नो और रेनू के पास नगर पंचायत में पक्का घर बना हुआ है। आरोप है कि साक्ष्य को छुपा कर दोनों ने मुख्यमंत्री आवास का लाभ लिया। उमा जयचंद और पुत्तन लाल के पास पहले से पक्का घर गांव में बना था।इन्हें आवास स्वीकृत हुआ। उमा और जयचंद्र का आवास अधूरा पड़ा है।
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