देश के प्रमुख निजी क्षेत्र के रक्षा निर्माता अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के आयुध और मिसाइलों के निर्माण के लिए दो मेगा प्लांट्स में मार्च से उत्पादन शुरू होने लगेगा।
डिफेंस कॉरिडोर का सीएम योगी ने किया उद्घाटन : 1500 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है तैयार, मुख्यमंत्री बोले-अब युवाओं के हाथों में तमंचा नहीं टैब है
Feb 27, 2024 00:19
Feb 27, 2024 00:19
- डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग से देश को बनेगा आत्मनिर्भरः योगी
- अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने साउथ एशिया के सबसे बड़े आयुध और मिसाइल कॉम्प्लेक्स की शुरुआत की
व्यापारियों को रंगदारी देनी पड़ती थी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में पहले युवा तमंचे लहराते थे। अब युवाओं के हाथ में टैब है। पहले दंगे होते थे, माहौल खराब किया जाता था। अब कावड़ यात्रा निकाली जाती है, और दंगल होते हैं। प्रदेश के व्यापरियों को रंगदारी देने पड़ती थी। उनके लिए सरकार सम्माननिधी योजना लेकर आई है।
कम रेंज की मिसाइलों को होगा निर्माण
देश के प्रमुख निजी क्षेत्र के रक्षा निर्माता अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के आयुध और मिसाइलों के निर्माण के लिए दो मेगा प्लांट्स में मार्च से उत्पादन शुरू होने लगेगा। देश में निजी क्षेत्र में अपनी तरह का यह पहला अत्याधुनिक प्लांट्स रक्षा के क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। डिफेंस कॉरिडोर में कम रेंज की मिसाइल, हल्के एयरक्राफ्ट, तोप, एके-47, कार्बाइन, स्नाइपर रायफल समेत 41 हथियार बनाए जाएंगे। इसमें इजरायल की तकनीकि का इस्तेमाल किया गया है। सोमवार दोपहर सीएम डिफेंस कॉरिडोर में बने हैलीपैड में उतरे। मुख्यमंत्री लगभग एक घंटे तक कॉरिडोर परिसर में मौजूद रहे।
ऑपरेशन बंदर' की पांचवीं वर्षगांठ पर उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने राज्य और देश को मजबूत करने की दिशा में अलग-अलग क्षमतओं का सृजन करने में अदाणी डिफेंस के प्रयासों और योगदान की सराहना की। प्लांट्स का उद्घाटन बालाकोट हवाई हमले 'ऑपरेशन बंदर' की पांचवीं वर्षगांठ के मौके पर किया गया। भारतीय वायुसेना का यह न सिर्फ एक ऐतिहासिक ऑपरेशन था, बल्कि बाहरी खतरों पर भारत की रणनीतिक दृढ़ता का भी प्रमाण था।
पांच सौ एकड़ में फैला है डिफेंस कॉरिडोर
डिफेंस कॉरिडोर 500 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है, जो सबसे बड़े एकीकृत आयुध विनिर्माण परिसरों में से एक बनने के लिए तैयार है। यह सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के लिए उच्च गुणवत्ता वाले छोटे, मध्यम और बड़े कैलिबर आयुध का उत्पादन करेगा। प्लांट में छोटे कैलिबर आयुध का उत्पादन शुरू किया जा चुका है, जिसकी शुरुआत भारत की वार्षिक आवश्यकता के 25% अनुमानित 150 मिलियन राउंड से होती है।
भूमि आवंटन के 18 माह के भीतर परिचालन शुरू
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह देश के लिए गर्व का क्षण है। यह प्लांट प्रदेश के एक औद्योगिक बिजलीघर में परिवर्तन लाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सार्थक प्रमाण है। अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस को उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर में सबसे बड़ा निवेश करने का श्रेय जाता है। भूमि आवंटन के 18 महीने के भीतर परिचालन शुरू हो चुका है, यह बेहद उत्साहजनक है।
मिसाइलों एवं आयुध में आत्मनिर्भरता की जरूरत : मनोज पांडेय
मिसाइलों और आयुध में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर देते हुए, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने कहा कि हाल की भू-राजनीतिक घटनाएं इस बात पर जोर देती हैं कि लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष की तैयारी के लिए आयुध के लिए आंतरिक स्रोतों से विश्वसनीय आपूर्ति समय की सबसे महत्वपूर्ण मांग है। इतने बड़े निवेश और महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी को स्वदेशी बनाने के लिए अदाणी डिफेंस और एयरोस्पेस की यह पहल उपयोगकर्ताओं में रणनीतिक सैन्य आपूर्ति के लिए भारतीय निजी उद्योग पर विश्वास उत्पन्न करने का काम करेगी। यह परिसर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक प्रमुख उपलब्धि है।
चार हजार युवाओं को सीधे मिलेगा रोजगार
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा कि इन अस्त्र-शस्त्र और मिसाइल परिसरों की स्थापना आत्मनिर्भरता की हमारी खोज को सम्पूर्ण बनाती है। सिर्फ 15 महीने में 5 हजार एकड़ में बनकर तैयार अदाणी समूह का यह उत्पादन कॉम्प्लेक्स दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा आयुध उत्पादक कॉम्प्लेक्स है। इसकी क्षमता प्रतिवर्ष 150 मिलियन राउंड एम्युनेशन उत्पादन की है।
15 सौ करोड़ से शुरू हुआ ये प्रोजेक्ट अगले पांच साल में यह 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का सुनियोजित निवेश है, ऐसे में इसका प्रभाव रक्षा क्षेत्र से कहीं आगे तक फैला हुआ है। इससे 4,000 से अधिक नौकरियां उत्पन्न होंगी, जिससे एमएसएमई पर पांच गुना अधिक प्रभाव पड़ेगा और स्थानीय इकोसिस्टम को इससे अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित करते हुए हमारे प्रयास समावेशी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने वाले होंगे।
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