आत्मनिर्भर भारत: कानपुर में बनी धनुष तोप की बढ़ेगी अचूक मारक क्षमता... 42 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकाने होंगे ध्वस्त

कानपुर में बनी धनुष तोप की बढ़ेगी अचूक मारक क्षमता... 42 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकाने होंगे ध्वस्त
UPT | धनुष तोप

Jan 06, 2025 18:25

भारतीय सेना की ताकत को और मजबूत बनाने के लिए कानपुर में निर्मित धनुष तोप की मारक क्षमता में वृद्धि की जा रही है। यह उन्नत तोप अब 42 किलोमीटर तक दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से निशाना बना सकेगी।

Jan 06, 2025 18:25

Short Highlights
  • नई तकनीकों के माध्यम से इसकी रेंज 42 किलोमीटर तक बढ़ाई जाएगी।

  • यह पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है।

  • यह तोप हर प्रकार के मौसम और कठिन भू-भाग में प्रभावी ढंग से काम कर सकती है।

Kanpur News: यूपी के कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री का लोहा दुनिया मान चुकी है। फील्ड गन फैक्ट्री में तैयार की गई धनुष तोप को मारक क्षमता बढ़ेगी। धनुष तोप अब 42 किलोमीटर तक मार करेगी। विदेशों में हॉवित्जर तोप से गोला-बारूद उगलने वाली 52 कैलिबर बैरल का जल्द ही भारतीय सेना इस्तेमाल करेगी। इस बैरल को हॉवित्जर सिस्टम वाली धनुष में इंस्टॉल किया जाएगा। अभी धनुष तोप में लगी बैरल 45 कैलिबर की है। जिसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है। 

कानपुर में बनकर निर्यात हुई यह उच्च मारक क्षमता वाली विदेशों में जबरदस्त प्रदर्शन कर रही है। पहाड़ियों के पीछे टारगेट सेट कर के दुश्मन के ठिकाने ध्वस्त करना हॉवित्जर सिस्टम तोप की खासियत है। धनुष तोप को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात किया गया है। यह तोप अभी 38 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इसमें 52 कैलिबर की बैरल लगने के बाद इससे आसानी से 42 किलोमीटर तक हमला किया जा सकता है।

16 तरह के मिल चुके हैं आर्डर 
रक्षा के सार्वजनिक उपक्रम एडब्ल्यूईआईएल के अधीन कानपुर की तीन आयुध फैक्ट्रीयां हैं। इसमें फील्ड गन फैक्ट्री, ऑर्डिनेंस और स्माल आर्म्स फैक्ट्री हैं। डीपीएसयू का मुख्यालय कानपुर में है। पिछले तीन साल में एडब्ल्यूईआईएल को विदेशों से बड़ी संख्या में आर्डर मिले हैं। यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, मिडिल ईस्ट,और अफ़्रीकी देशों से करीब 16 तरह के निर्यात आर्डर कंपनी को मिल चुके हैं।

आत्मनिर्भर भारत 
भारतीय सेना में परमाणु क्षमता वाली धनुष की बैरल का अपग्रेड वर्जन स्थापित किया गया है। इसमें पहले 39 कैलिबर की 155 एमएम बैरल धनुष में विकसित थी। आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी करण और मित्र देशों को रक्षा उत्पादों के निर्यात में अहम भूमिका निभाने पर फील्ड गन फैक्ट्री को नवंबर 2024 में सम्मान दिया गया था।

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