फर्रुखाबाद के उखरा गांव में प्रशासन द्वारा गिराए गए मकान को लेकर ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। निरीक्षण करने गए लेखपालों को ग्रामीणों ने दौड़ाकर पीटा। भारी हंगामे के बाद लेखपाल की तहरीर पर ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
Farrukhabad News: फर्रुखाबाद में मकान गिराए जाने से नाराज ग्रामीणों ने दो लेखपालों को दौड़ाकर पीटा, सरकारी अभिलेख फाड़े
Oct 01, 2024 09:24
Oct 01, 2024 09:24
फर्रुखाबाद के उखारा गांव में बंजर भूमि पर बने अवैध 23 मकानों को बीते शनिवार को प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया था। मकान गिराए जाने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। सोमवार को लेखपाल सौरभ पांडेय और रूद्र प्रताप ग्रामीणों को दिशा निर्देश देने के लिए गए थे। ग्रामीणों ने लेखपालों को देखते ही गाली गलौच, मारपीट और पथराव शुरू कर दिया। लेखपाल रूद्र प्रताप में भाग कर जान बचाई, उनसे सरकारी अभिलेख छीनकर फाड़ दिए गए।
थाने में किया हंगामा
पुलिस को जानकारी होने पर मौके पर पहुंची, और लाठी पटककर ग्रामीणों को खदेड़ा। घटना की सूचना पर सीओ मोहम्मदाबाद मय फोर्स के मौके पर पहुंच गए। दोनों लेखपाल थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। इस पर बड़ी संख्या में लेखपाल थाने पहुंच गए, और हंगामा करने लगे। लेखपाल दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए। इसके बाद एसडीएम और सीओ से बात करने के बाद मुकदमा दर्ज हो सका।
अखिलेश यादव ने कार्रवाई को बताया गलत
उखरा गांव में प्रशासन ने 23 मकानों को बुलडोजर से गिरा दिया। इस घटना के बाद ग्रामीणों का दर्द बांटने के लिए बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष और उनके भाई को ग्रामीणों ने खदेड़ लिया। इस दौरान पथराव भी किया गया, पुलिस ने पहुंचकर मामले को शांत कराया। उखारा गांव में 105 बीघा ग्राम समाज की बंजर भूमि है। वर्ष 1990 में ग्रामीणों ने 20 बीघा जमीन पर कब्जा कर मकान बना लिए थे। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कार्रवाई को गलत बताया था।
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