कानपुर सीसामऊ विधानसभा पर सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा है। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को 8629 वोटों से हराया है। नसीम सोलंकी की जीत से समाजवादी पार्टी के साथ ही क्षेत्र की जनता में भी खुशी की लहर है।
सीसामऊ में सोलंकी परिवार की राजनीतिक विरासत का जलवा बरकरार : नसीम बोलीं-सभी वर्गों का प्यार-आशीर्वाद मिला
Nov 23, 2024 17:24
Nov 23, 2024 17:24
सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने वोटों की गिनती शुरू होते ही बढ़त बना ली थी। उन्होंने 12 और 13वें राउंड की गिनती में बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी से 30 हजार से अधिक की लीड बना ली थी। इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी कहीं से भी लड़ाई में नजर नहीं आए। बीजेपी प्रत्याशी ने अंतिम राउंड की गिनती में कुछ बढ़त हासिल की लेकिन उसे जीत में तब्दील नहीं कर पाए।
मुक़दमों की पैरवी
पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें विधानसभा चुनाव भी लड़ना पड़ेगा। समाजवादी पार्टी में नसीम सोलंकी एक आयरन लेडी बनकर उभरी हैं। नसीम सोलंकी के पति और पूर्व विधायक इरफान सोलंकी महाराजगंज जेल में बंद हैं। नसीम ने पति और देवर के मुक़दमों की पैरवी की जिम्मेदारी बखूबी उठाई है।
सोलंकी परिवार पूरी तरह से टूट गया
इसके साथ ही नसीम के कंधों पर बच्चों की पढ़ाई, घर की देखरेख और महाराजगंज जेल जाकर बच्चों की पिता से मुलाकात कराने तक की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। इरफान सोलंकी को जब आगजनी मामले में सात साल की सजा सुनाई, तो सोलंकी परिवार पूरी तरह से टूट गया। इरफान को सजा हो गई, इसके साथ ही उनकी विधायकी भी चली गई।
अखिलेश यादव ने बधाई हिम्मत
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोलंकी परिवार को हिम्मत दी। उन्होंने सीसामऊ उपचुनाव में इरफान की पत्नी और सोलंकी परिवार की बड़ी बहु नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया। पार्टी के अंदर से आवाज उठने लगीं कि नसीम सोलंकी घरेलू महिला हैं, उन्हें राजनीति में सर्वाइव नहीं कर पाएंगी। सपा विधायक अमिताभ वाजपेई ने नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाए जाने का समर्थन किया।
बड़े बेटे ने संभाली थी राजनीतिक विरासत
नसीम सोलंकी मायके पक्ष से बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। नसीम की 2003 में इरफान सोलंकी से हुई थी। नसीम सोलंकी के ससुर हाजी मुश्ताक सोलंकी समाजसेवी और समाजवादी पार्टी से विधायक थे। उन्हें नेताजी मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता था। हाजी मुश्ताक सोलंकी के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को इरफान सोलंकी ने संभाला। इरफान सोलंकी लगातार चार बार विधायकी की चुनाव जीता।
नसीम सोलंकी का कहना है कि मेरे पारिवारिक सदस्यों, संगठन के पदाधिकारियों, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, डिंपल यादव का भरपूर साथ मिला। इसके साथ ही सीसामऊ की जनता का प्यार और आशीर्वाद मिला। जिसकी वजह से जीत सुनिश्चित हो सकी।
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