सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 8629 वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने ने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को हराया है। नसीम सोलंकी ने सीसामऊ क्षेत्र की जनता के सामने भावनात्मक मुद्दे रखे। वहीं सत्ता पक्ष बीजेपी ने सीसामऊ में ध्रुवीकरण की राजनीति की।
Sisamau By-Election Result : सोलंकी परिवार की बहू ने चुनाव नहीं जनता का प्यार भी जीता, बंटोगे तो कटोगे के बदले गंगा-जमुनी तहजीब, मंदिर में दर्शन जैसे मुद्दों से जीता दिल
Nov 23, 2024 17:21
Nov 23, 2024 17:21
- नसीम सोलंकी ने सीसामऊ की जनता के सामने भावनात्मक मुद्दे रखे
- नसीम ने आंसुओं को कमजोरी नहीं बनने दी
- बात-बात में भावुक होने वाली नसीम सोलंकी ने वोटिंग के दिन खुद मोर्चा संभालते हुए पुलिस से लिया था मोर्चा
समाजवादी पार्टी ने नसीम सोलंकी को एक कुशल राजनीतिज्ञ बताया है। पति इरफान सोलंकी और देवर रिजवान सोलंकी के मुक़दमों की पैरवी, महाराजगंज जेल बंद पति की देखरेख के साथ ही बच्चों की पढ़ाई और फिर उपचुनाव में जनता के बीच संवाद स्थापित करने में कामयाब रहीं। उन्होंने अपने चुनावी कैपेंन के दौरान जनता के बीच वो मुद्दे रखे, जिसको बीजेपी समझ ही नहीं पाई। बीजेपी की तरफ से कटोगे तो बटोगे की बात कही गई, तो नसीम ने गंगा-जमुना तहजीब की बात की।
जनता के बीच पति को जेल भिजवाने का मुद्दा रखा
नसीम सोलंकी ने सीसामऊ की जनता के सामने इरफान सोलंकी को फर्जी मुक़दमों में फंसाने की बात कही। इरफान को कानपुर जेल से महाराजगंज जेल शिफ्ट करने का मुद्दा रखा ताकि परिवार के लोग परेशान हो और उनसे मिल ना सकें। जिसकी वजह से मुश्लिम मतदाताओं के साथ ही बड़ी संख्या में हिंदू मतदाताओं का भी उनकों साथ मिला। इरफान के जेल जाने से मतदाताओं की सहानभूति भी नसीम सोलंकी के साथ थी।
वनखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक
नसीम सोलंकी ने दीपावली के मौके पर वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया, और मंदिर में दीपक भी जलाए थे। मंदिर में पूजा करते हुए उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मौलाना भड़क गए। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। शहाबुद्दीन ने नसीम सोलंकी को कलमा पढ़कर माफी मांगने की सलाह देदी। मुफ्ती शहाबुद्दीन के फतवे के बाद हिंदू संगठनों ने वनखंडेश्वर मंदिर को गंगाजल से धुलकर शुद्धिकरण किया था। लेकिन नसीम सोलंकी का पूजा करते हुए वीडियो लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुका था।
आंसुओं से कमजोर नहीं पड़ी नसीम
नसीम सोलंकी चुनावी प्रचार के दौरान कई बार भावुक हो गईं। शिवपाल के साथ जनसभा को संबोधित करते हुए रो पड़ी थीं। लेकिन नसीम सोलंकी ने इन आसुओं को कमजोरी नहीं बनने दिया। बल्कि उन्होंने खुद मजबूत किया। बुधवार को सीसामऊ सीट पर मतदाता था। सीसामऊ क्षेत्र से लगातार सूचनाएं आ रहीं थीं कि पुलिस मनमानी कर रही है। पुलिस आईडी चेक कर रही है, और मतदाताओं से पर्ची लेकर फाड़ रही है। सपा के बड़े नेता किसी गुप्त स्थान पर बैठकर मोर्चा संभाल रहे थे। लेकिन फील्ड पर सपा के विधायक और नेता नहीं दिख रहे थे।
राजनीति का हुनर
नसीम सोलंकी का मतदान के दिन एक अलग अंदाज देखने को मिला। नसीम सोलंकी को जहां भी गड़बड़ी की सूचना मिली, वह अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंची। जिम्मेदार अधिकारियों से मोर्चा लेकर उनको अपने कर्त्तव्यनिष्ठा की याद दिलाई। कई बूथों पर गड़बड़ी की सूचना पर पहुंचकर पुलिस से भी भिड़ गईं। उनके तेवर देखकर पुलिस को भी बैकफुट पर आना पड़ा। कानपुर के राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नसीम सोलंकी एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं। उनके अंदर राजनीति का हुनर है।
नसीम सोलंकी ने संभाला मोर्चा
सपा के बड़े नेता नजरबंद या गिरफ्तारी की आशंका के चलते बुधवार सुबह से ही अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया था। इसके बाद किसी गुप्त स्थान पर चले गए थे। इसी बीच सोशल मीडिया पर खबरें चलने लगीं कि मतदान केंद्रों से वोटरों को वापस लौटाया जा रहा है। पुलिस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले रही है। इसके बाद सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने मोर्चा संभाल लिया।
पुलिस से भिड़ी-उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई
नसीम सोलंकी मतदान केंद्रों पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने का काम किया। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों से भिड़ती हुईं भी दिखी। नसीम सोलंकी ने पुलिस अधिकारियों को नसीहत दी थी कि संविधान रक्षा की शपथ ली है। आप पर निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है। इससे आप लोग बच नहीं सकते हैं। पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में वोटरों को मतदान केंद्र तक पहुंचाया था।
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