कानपुर के छत्रपति साहू जी महाराज के बिजनेस मैनेजमेंट की बिल्डिंग से छात्रा द्वारा कूद कर आत्महत्या करने के मामले एक नया खुलासा हुआ है।छात्रा पेपर खराब होने से परेशान होकर छत से नही कूदी थी,बल्कि वह अपने आप को मैनेज नहीं कर पा रही थी।
Kanpur News: विश्वविद्यालय की बिल्डिंग से छलांग लगाकर आत्महत्या करने के प्रयास में सामने आई बड़ी वजह, सुसाइड से पहले छात्रा ने पत्र लिख कही थी ये बात.....
Dec 14, 2024 07:25
Dec 14, 2024 07:25
Kanpur News: कानपुर के छत्रपति साहू जी महाराज के बिजनेस मैनेजमेंट की बिल्डिंग से छात्रा द्वारा कूद कर आत्महत्या करने के मामले एक नया खुलासा हुआ है।छात्रा पेपर खराब होने से परेशान होकर छत से नही कूदी थी,बल्कि वह अपने आप को मैनेज नहीं कर पा रही थी।एक तरफ उसने अपने प्रेमी से बहुत उम्मीदें कर रखी थी जो पूरी नहीं हो पा रही थी।दूसरी तरफ अपने माता-पिता की उम्मीदों को भी उसने बोल समझ लिया था। यहां तक की अपनी शिक्षकों से भी उसे शिकायत थी। यह खुलासा तब हुआ जब छात्रा के कूदने के बाद उसके पास से दो पत्र मिले।
छात्रा के पास से पुलिस को मिले थे दो पत्र
बताने की कल्याणपुर थाना क्षेत्र के गूबा गार्डन के पास रहने वाली छात्रा ने कल छत्रपति साहू जी महाराज विवि के बिजनेस मैनेजमेंट की बिल्डिंग से छलांग लगा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।घटना के बाद विवि प्रशासन घायल हुई छात्रा को इलाज के लिए हैलट अस्पताल भेजा था। इसके बाद छात्रा की मां द्वारा जानकारी दी गई थी की उसका पेपर खराब होने के चलते वह काफी परेशान थी इस वजह से शायद उसने ये कदम उठाया था।वही घटना के बाद पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की तो उसको छात्रा के पास से दो पत्र मिले जिसमे जो लिखा था उसने सभी को हिला कर रख दिया।
खुद को मानने लगी थी बदसूरत
एक पत्र माता-पिता और दूसरा बॉयफ्रेंड के लिए था। इन पत्रों में उसने अपने मां के समंदर का कतरा कतरा उड़ेल दिया, लेकिन उनमें से निकली तो सिर्फ निराशा और अकेलापन उसे बॉयफ्रेंड से काफी उम्मीद थी जो टूट गई। ऐसे में खुद को ही बदसूरत मानने लगी। लिखा था कि मैं प्यार के लायक नहीं हूं बदसूरत हूं, लेकिन तुम्हारे बिना जी नहीं सकूंगी। वहीं पिता को लिखे पत्र में उसने माफी मांगी पर शिकायत भी कि उसने भी यह शिकायत कि प्यार नहीं मिला।
प्रेमी के लिए लिखा पत्र
प्रेमी के लिए पत्र में लिखा कि उससे मिलने के बाद जाना कि प्यार क्या होता है। इससे पहले तो वह मौत के इंतजार में जिंदगी काट रही थी। लिखा एक रात अचानक तुम आए और मैने तुम्हें ईश्वर का भेजा दूत मानकर तुम्हारा हाथ थाम लिया पर तुमने मुझे उठाया तो वापस गिरने के लिए और अंत में लिखा मन में काफी विचार आ रहे हैं कि किस तरह जाऊं की तकलीफ कम हो, लेकिन इन हड्डियों का असंख्य टुकड़ों में टूट जाना ही जरूरी है जो मेरे प्यार को चुभनी चाहिए।फिर इस बात का दुख भी जताया की आखिरी बार उसे जी भर कर देख नहीं सकी। मैं तुम्हारे लिए भले ही कुछ भी ना हूं पर तुम मेरे लिए सब कुछ हो। तुम्हारे लिए मैं जिंदगी का हर दुख सहने को तैयार हूं तुम कभी अकेले नहीं रहोगे।मेरी आत्मा हमेशा तुम्हारे आसपास रहेगी। भगवान मेरी कोई भी इच्छा पूरी नहीं करते फिर भी मांग रही हूं। तुम्हें हमेशा खुश रखे। मैं अपनी पूरी कोशिश करने के बाद भी तुम्हारे लायक नहीं बन पाई।इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। मैं जानती हूं मैं बदसूरत हूं। प्यार के लायक नहीं,लेकिन तुम्हारे बिना जी नहीं सकूंगी मेरी जिंदगी की वजह तुम थे।
परिजनों के लिए लिखा पत्र
दूसरे पत्र में छात्रा ने लिखा की मम्मी पापा मुझे माफ करना मैं आप दोनों पर भार बनकर रह गई।मेरे दुनिया में आने से आप लोगों को काफी कष्ट सहने पड़े ना चाहकर भी मुझे झेलना पड़ा आई एम सॉरी... मैं दूसरे बच्चों की तरह नहीं हूं,जिनसे आपने तुलना की। आपकी अपेक्षाएं हमेशा बढ़ती गई मैं खुद को अपनी नजरों में एक बेटी के रूप में देखना चाहती थी लेकिन हसरत पूरी नहीं हुई।मैंने प्यार,इच्छाएं, संगीत सब त्याग दिया। पापा ने तो कभी प्यार नहीं किया। मां आपसे उम्मीद थी,लेकिन सब बेकार शिक्षकों से भी शिकायत है जिन्होंने हमेशा लूजर कहा। उसने पत्र लिखा मेरे शरीर को सुनसान जगह पर डाल देना मैं शांति से सोना चाहती हूं।
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