अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित विशेष स्थानों जैसे खादानों, स्टोन क्रशर, अनाथालयों, साप्ताहिक बाजारों, वृद्धाश्रमों, मदरसों, सब्जी मंडियों, जेलों, और मलिन बस्तियों में भी टीबी की जांच का काम किया गया। इन क्षेत्रों में कुशी नगर से 1,104, गोरखपुर से 414, एटा से 379, लखनऊ से 345, और मेरठ से 303 टीबी मरीज मिले। यह अभियान ऐसे स्थानों पर चला जहां टीबी के प्रसार का अधिक जोखिम होता है।
यूपी में खोजे गए 11595 नए टीबी मरीज : 4.50 लाख लोगों की जांच, यहां मिले सबसे ज्यादा केस
Oct 31, 2024 17:35
Oct 31, 2024 17:35
स्वास्थ्य टीमों ने घर-घर जाकर की टीबी की जांच
योगी सरकार द्वारा इस अभियान के दौरान प्रदेश की करीब 20 प्रतिशत आबादी के घर-घर जाकर टीबी के संभावित लक्षणों की जांच की गई। राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए चलाया गया। इस दौरान लगभग 4.5 लाख लोगों को टीबी के संभावित लक्षणों के लिए स्क्रीन किया गया, जिनमें से 4.38 लाख लोगों के बलगम और एक्स-रे की जांच कराई गई।
रोगियों की विस्तृत जानकारी पोर्टल पर अपलोड, इलाज शुरू
इस अभियान में मिले कुल 11,595 टीबी मरीजों में से 5,381 पल्मोनरी और 6,214 एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी के मामले पाए गए। इनमें से 11,571 मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है और उनकी जानकारी निक्षय पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है। इस प्रक्रिया में मरीजों की डायबिटीज, एचआईवी और दवाओं के प्रति संवेदनशीलता की जांच भी की गई ताकि उनका समुचित उपचार हो सके।
खादान, स्टोन क्रशर, और बाजार क्षेत्रों में विशेष अभियान
इस अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित विशेष स्थानों जैसे खादानों, स्टोन क्रशर, अनाथालयों, साप्ताहिक बाजारों, वृद्धाश्रमों, मदरसों, सब्जी मंडियों, जेलों, और मलिन बस्तियों में भी टीबी की जांच का काम किया गया। इन क्षेत्रों में कुशीनगर से 1,104, गोरखपुर से 414, एटा से 379, लखनऊ से 345 और मेरठ से 303 टीबी मरीज मिले। यह अभियान ऐसे स्थानों पर चला जहां टीबी के प्रसार का अधिक जोखिम होता है।
टीबी के सामान्य लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें
टीबी के कुछ सामान्य लक्षण हैं जो इसे अन्य बीमारियों से अलग बनाते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:
- दो हफ्ते से अधिक समय तक लगातार खांसी या बुखार रहना
- बलगम में खून आना
- भूख में कमी और वजन में गिरावट
- रात के समय पसीना आना
- गले में गांठ होना
- महिलाओं में बांझपन की समस्या
योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को 2025 तक टीबी मुक्त करना है। इसके लिए सरकार टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने और रोगियों की पहचान व इलाज को प्राथमिकता दे रही है। राज्य सरकार का यह कदम उन लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए है जो टीबी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इस दिशा में प्रदेश भर में चल रहे जागरूकता अभियान और मरीजों की स्क्रीनिंग ने लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।