याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि उनकी बेटी में ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण दिखाई दे रहे थे, लेकिन डॉक्टरों ने इस गंभीर स्थिति की जांच करने में भी लापरवाही बरती। इलाज में इस लापरवाही का नतीजा उनकी बेटी की मृत्यु के रूप में सामने आया।
Lucknow News : इलाज में लापरवाही पर 25 लाख का जुर्माना, लोहिया संस्थान के डॉक्टर और स्टाफ दोषी
Jan 03, 2025 10:20
Jan 03, 2025 10:20
30 दिन में भुगतान न करने पर ब्याज का प्रावधान
जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश के अनुसार, 30 दिन के भीतर जुर्माने की राशि न देने पर नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज लगाया जाएगा। यह आदेश उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अमरजीत त्रिपाठी और सदस्य प्रतिभा सिंह की खंडपीठ ने सुनाया।
मरीज की बेटी के इलाज में हुई लापरवाही
मामला विकासनगर के जितेंद्र बहादुर सिंह द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि 30 जनवरी 2020 को उनकी बेटी को सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द की शिकायत के बाद राम मनोहर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि डॉक्टरों ने सही तरीके से जांच नहीं की और उचित इलाज में भी लापरवाही बरती।
टीबी के लक्षण होने के बावजूद नहीं हुई जांच
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि उनकी बेटी में टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) के लक्षण दिखाई दे रहे थे, लेकिन डॉक्टरों ने इस गंभीर स्थिति की जांच करने में भी लापरवाही बरती। इलाज में इस लापरवाही का नतीजा उनकी बेटी की मृत्यु के रूप में सामने आया।
11 लोगों को बनाया गया आरोपी
इस मामले में राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के तत्कालीन निदेशक डॉ. एके सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विक्रम सिंह, जूनियर डॉक्टर सुजीत कुमार शाही, नर्स शिप्रा समेत कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया। प्रकरण की जांच में इन सभी पर लापरवाही के आरोप सही पाए गए, जिसके आधार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस फैसले को उपभोक्ताओं के अधिकारों और चिकित्सा में पारदर्शिता लाने के एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।
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