Lok Sabha Election 2024 : आखिरी चरण में दांव पर लगी दिग्गजों की प्रतिष्ठा, अति पिछड़े तय करेंगे ख़ुशी और गम

आखिरी चरण में दांव पर लगी दिग्गजों की प्रतिष्ठा, अति पिछड़े तय करेंगे ख़ुशी और गम
UPT | आखिरी चरण में दांव पर लगी दिग्गजों की प्रतिष्ठा

May 29, 2024 18:32

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में जिन 13 सीटों पर मतदान होने जा रहा है। उनमें  कुर्मी, कुशवाहा, राजभर, बिंद, चौहान, पाल, प्रजापति और निषाद समेत गैर यादव पिछड़ी जातियों की आबादी 60 फीसदी तक है...

May 29, 2024 18:32

Lucknow News : लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में जिन 13 सीटों पर मतदान होने जा रहा है। उनमें  कुर्मी, कुशवाहा, राजभर, बिंद, चौहान, पाल, प्रजापति और निषाद समेत गैर यादव पिछड़ी जातियों की आबादी 60 फीसदी तक है। लिहाजा  इन सीटों पर चुनावी समीकरण बनाने-बिगाड़ने में इनकी बड़ी भूमिका होगी। वैसे भाजपा गठबंधन और इंडिया ब्लॉक के बीच बढ़त के लिए गैरयादव पिछड़े  वोट हासिल करने के लिए भी जंग अंतिम दौर में है।

वैसे सीटों को जातीय आधार पर साधने के 
इसी समीकरण को ध्यान में रखकर भाजपा  और इंडिया ब्लॉक  ने इन सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। दोनों दलों ने  सात सीटों पर गैर यादव ओबीसी चेहरों को उतारकर इस चरण की सभी सीटों को झोली में रखने  की कोशिश की है। तीन सीटों पर गैर यादव ओबीसी यानी कुर्मी, बिंद, कुशवाहा और राजभर जाति के उम्मीदवार हैं। जबकि 4 सीटों में से एनडीए ने दो पर कुर्मी और निषाद पर दांव लगाया है। इंडिया ब्लॉक ने भी दो सीटों पर यही नुस्खा आजमाया  है। बीजेपी  जहां गैर यादव ओबीसी के सहारे अपने समीकरण साधने में लगी है, तो वही इंडी गठबंधन काडर वोटबैंक यादव और मुसलमान के साथ ही गैर यादव ओबीसी के सहारे लकीर खींचने की कोशिशों में जुटा है।

गैर यादव ओबीसी होंगे इन तीन सीटों पर आमने-सामने
  1. मिर्जापुर: अनुप्रिया पटेल (अपना दल-एस) और रमेश बिंद (SP)
  2. सलेमपुर : रवींद्र कुशवाहा (बीजेपी) और रमाशंकर राजभर (SP)
  3. महराजगंज: पंकज चौधरी (बीजेपी) और वीरेंद्र चौधरी (SP)
इतनी सीटों पर लड़ रही हैं सभी पार्टियां चुनाव
इस बार बीजेपी अंतिम चरण की 13 में से 10 सीट पर चुनाव लड़ रही है और तीन सीट पर सहयोगी दल हैं। अपना दल (एस) दो सीट पर तो ओम प्रकाश राजभर की पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा 9 सीट और कांग्रेस 4 सीट पर चुनावी किस्मत आजमा रही है। बसपा सभी 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है।

जातीय बिसात की जमीन 
अंतिम चरण का चुनाव जातीय बिसात पर होता नजर आ रहा है, जिसमें ओबीसी वोटों के लिए सियासी खींचतान है। बसपा के दलित वोट बैंक को साधने की भी  कवायद बीजेपी और सपा कर रही हैं। पूर्वांचल के जातीय समीकरण को साधने में जो सफल रहेगा, उसके लिए सियासी राह आसान हो सकती है।

सातवें चरण का 1 जून को होना है मतदान
अंतिम चरण में 1 जून को उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर मतदान होना है। इन सीटों पर होगा चुनाव. महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट शामिल हैं. ये सभी 13 सीटें पूर्वांचल की हैं।

11 सीटों पर है एनडीए का कब्जा 
2019  में बीजेपी 13 में से 9 सीटें जीती थी, दो सीटें उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने और दो सीटें बसपा के हिस्से में गई थीं।

Also Read

नौ सीटों पर डेढ़ लाख वोट को तरस गई बसपा, मायावती का ये फैसला साबित हो सकता है आत्मघाती

24 Nov 2024 05:41 PM

लखनऊ UP Politics : नौ सीटों पर डेढ़ लाख वोट को तरस गई बसपा, मायावती का ये फैसला साबित हो सकता है आत्मघाती

बसपा की हालत अब कांग्रेस की तरह होती जा रही है। धरातल पर संगठन का अभाव और महज चुनाव के दौरान बड़े नेताओं की सक्रियता की वजह से पार्टी यूपी की सत्ता से बाहर हो चुकी है। लोकसभा चुनाव में अमेठी और रायबरेली की जीत के पीछे सपा की दोस्ती और स्थानीय समीकरण अहम वजह रहे। विधानसभा चुनाव... और पढ़ें